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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > अस्वर्गीकृत > टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने क्यों बदला अपना निर्णय?
अस्वर्गीकृत

टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने क्यों बदला अपना निर्णय?

Industrial Empire
Last updated: 10/04/2025 10:48 AM
Industrial Empire
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई टैरिफ नीति को लागू करने के कुछ ही घंटे बाद अचानक उसे रोक दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि वह इसे 90 दिन के लिए स्थगित कर रहे हैं। ट्रंप का यह फैसला न केवल उनके समर्थकों बल्कि सरकारी अधिकारियों के लिए भी हैरान करने वाला था, क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी पहले से नहीं थी। इस बदलाव के तहत, ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों को 90 दिन के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ से राहत दी है।

यह सवाल उठता है कि ट्रंप ने आखिर क्यों रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाने का फैसला लिया। अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने ट्रंप को इस नीति पर पुनर्विचार करने के लिए राजी किया। उन्होंने ट्रंप को बाजार में हो रही उथल-पुथल, आर्थिक जोखिमों और रणनीतिक व्यापार वार्ताओं की संभावना के बारे में बताया। ट्रंप ने खुद यह दावा किया कि कई देशों ने अमेरिका से टैरिफ रोकने के लिए बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है। यह कदम ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर उनके दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करता है, जो वैश्विक व्यापार संबंधों में एक नई दिशा भी प्रदान कर सकता है।

बाजार में चल रही अस्थिरता, कंपनियों की बढ़ती चिंताएं और वित्तीय विश्लेषकों की चेतावनियों के बाद ही टैरिफ को रोकने का निर्णय लिया गया। विश्लेषकों ने ट्रंप के आक्रामक व्यापार नीतियों के संभावित नकारात्मक परिणामों के बारे में चेतावनी दी थी। चीन समेत कई देशों पर लगाए गए शुरुआती टैरिफ के चलते शेयर और बॉन्ड बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। इसके कारण बिजनेस लीडर्स ने देश और दुनिया को होने वाले गंभीर आर्थिक नुकसान के बारे में सचेत किया था।

विशेषज्ञों का मानना था कि इन टैरिफ नीतियों के प्रभाव से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है और इसके चलते देश आर्थिक मंदी की ओर बढ़ सकता है। इसके अलावा, व्यापारिक तनावों के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में रुकावट और निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ सकती थी, जो लंबे समय में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक हो सकता था। इस स्थिति को देखते हुए ट्रंप ने अपनी नीति में बदलाव करने का निर्णय लिया।

ट्रंप प्रशासन ने शुरुआत में टैरिफ को अनुकूल व्यापार सौदे हासिल करने के लिए जरूरी बताया था। हालांकि, शेयर और बॉन्ड बाजारों में आई भारी गिरावट ने व्हाइट हाउस को इस नीति पर फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया। खबरों के मुताबिक, ट्रंप अपनी नीतियों पर मीडिया कवरेज और बाजार की प्रतिक्रियाओं पर बारीकी से नजर रख रहे थे। टैरिफ लागू होने के कुछ ही घंटों बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने रुख में बदलाव करने का फैसला किया।

ट्रंप के इस निर्णय में बाजार की अस्थिरता और संभावित आर्थिक नुकसान की चेतावनियों का बड़ा हाथ था। व्हाइट हाउस ने महसूस किया कि इन टैरिफ नीतियों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, जो चुनावी साल में उनके लिए एक बड़ा राजनीतिक जोखिम हो सकता था। इसी वजह से ट्रंप ने अपने रुख को पलटते हुए टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाने का ऐलान किया, ताकि वह देशों के साथ बेहतर व्यापार सौदे कर सकें और आर्थिक स्थिरता को बनाए रख सकें।

बेसेंट के पास लगातार चिंतित निवेशकों के फोन आ रहे थे, जो टैरिफ नीतियों के कारण पैदा हुए आर्थिक जोखिमों को लेकर परेशान थे। इस स्थिति को लेकर उन्होंने ट्रंप से मिलने के लिए फ्लोरिडा यात्रा की। वहां उन्होंने राष्ट्रपति को समझाया कि टैरिफ को रोकना कमजोरी का संकेत नहीं होगा, बल्कि यह एक सोचा-समझा कदम होगा, जो व्यापारिक साझेदारों को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए जरूरी है। राष्ट्रपति ट्रंप तुरंत इस विचार से सहमत हो गए और इसे लागू करने का फैसला किया।

एयर फोर्स वन से वाशिंगटन लौटने के बाद, ट्रंप ने बेसेंट को यह निर्देश दिया कि वह प्रशासन के नए व्यापार सौदों के इरादे को सार्वजनिक रूप से साझा करें। हालांकि, व्हाइट हाउस के भीतर अधिकारियों की राय इस फैसले को लेकर मिश्रित थी। कुछ ने इसे रणनीतिक लचीलापन माना, जिससे अमेरिका अपनी व्यापारिक स्थिति को बेहतर बना सकता था, जबकि कुछ ने इसे गलत अनुमान की स्वीकृति के रूप में देखा, जो कि आर्थिक अस्थिरता को और बढ़ा सकता था। ट्रंप यह कदम प्रशासन की व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जिसमें दिखाया गया कि नीति में लचीलापन और वास्तविकता का समायोजन भी जरूरी है।

TAGGED:economic lossHarmful to the US economymarket volatilitytrumptrump tariff
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