आधुनिक समय में, खेती के लिए कृषि यंत्रों की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है और बिना इन यंत्रों के खेती करना संभव नहीं है। इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान प्रदान कर रही हैं। हालांकि, यह अनुदान सभी किसानों तक नहीं पहुँच पाता है। इसे ध्यान में रखते हुए, बिहार राज्य के उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं, ताकि यह समस्या सुलझाई जा सके।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नए लाभार्थियों को कृषि यंत्रों की सूची में शामिल किया जाए, ताकि वे भी अनुदान का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, जो कृषि यंत्र अब उपयोग में नहीं आ रहे हैं, उन्हें सूची से हटा दिया जाए। इसके अलावा, अब तक कृषि यंत्र बैंकों को जो ट्रैक्टर दिए गए हैं, उन पर कृषि विभाग द्वारा प्रदत्त शब्द अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि ट्रैक्टरों को सरकारी मदद के तहत वितरित किया गया है, ताकि उनकी पहचान हो सके।
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि विभाग राज्य योजनाओं और केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत कुल 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान प्रदान करता है। इसके अलावा, सरकार ने यह नियम अनिवार्य कर दिया है कि कृषि यंत्र बैंकों से किसानों को ट्रैक्टर के साथ कम से कम एक कृषि यंत्र प्राप्त करना होगा। इन यंत्रों में बुआई, जुताई, कटाई और घुनाई/दौनी जैसे महत्वपूर्ण यंत्र शामिल हैं। इस नियम का उद्देश्य यह है कि किसान विभिन्न कृषि कार्यों को अधिक कुशलता से और बेहतर तरीके से कर सकें।
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह निर्देश दिया कि कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं, अनुदान और यंत्रों की उपयोगिता के बारे में किसानों को अधिक से अधिक जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी उपलब्ध सूचना तंत्र (जैसे मीडिया, सोशल मीडिया, किसान जागरूकता कार्यक्रम आदि) का उपयोग करते हुए इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें और इसका फायदा उन्हें मिल सके।