BY- NISHA MANDAL
AI के जरिए एप डेवलपमेंट में आ रहा है क्रांतिकारी बदलाव, कंपनियों से लेकर स्टार्टअप तक सब होंगे प्रभावित
तकनीक की दुनिया में जनरेटिव एआई (Generative AI) ने ऐसा तूफान ला दिया है, जिसकी कल्पना कुछ साल पहले तक असंभव मानी जाती थी। अब रिपोर्ट्स और इंडस्ट्री अनुमानों के मुताबिक, 2028 तक जेनएआई की मदद से 1 अरब से ज्यादा मोबाइल और वेब ऐप्स बनाए जाएंगे। ये संख्या न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि यह साफ इशारा करती है कि आने वाला समय किस तरह पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नियंत्रण में होगा।
जेनएआई कैसे बदल रहा है ऐप डेवलपमेंट का चेहरा

अब तक एप बनाने के लिए डेवलपर्स को महीनों की मेहनत करनी पड़ती थी, कोडिंग, डिज़ाइन और टेस्टिंग जैसी तमाम प्रक्रियाएं समय और संसाधन मांगती थीं। लेकिन जनरेटिव एआई इस पूरी प्रक्रिया को कुछ घंटों या मिनटों में ही पूरा करने में सक्षम हो रहा है। AI-टूल्स अब यूज़र की ज़रूरतों को समझते हैं, डिजाइन प्रस्ताव देते हैं और कोड भी खुद-ब-खुद जेनरेट करते हैं। यह न केवल समय बचाता है, बल्कि कम लागत में बेहतर परिणाम भी देता है।
स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री को मिलेगा जबरदस्त फायदा
AI आधारित यह तकनीक उन स्टार्टअप्स के लिए वरदान साबित हो रही है जिनके पास संसाधन सीमित होते हैं। अब उन्हें बड़ी टीम या भारी निवेश की जरूरत नहीं है। सिर्फ एक आइडिया और जेनरेटिव एआई टूल की मदद से वो मिनटों में एप्लिकेशन तैयार कर सकते हैं। इससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल इंडिया की रफ्तार और तेज होगी।
क्यों है यह विषय अहम
यह विषय आजकल “Generative AI”, “AI App Development”, “Future of Apps”, “No Code Platforms”, “AI in Mobile Apps” गूगल पर सर्च किया जा रहा है। इससे जुड़ी जानकारी न सिर्फ टेक एक्सपर्ट्स बल्कि डिजिटल मार्केटिंग और स्टार्टअप इंडस्ट्री के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। आने वाले सालों में यह देखा जाएगा कि कैसे जेनएआई एप डेवलपमेंट की दुनिया को आम लोगों की पहुंच में ला देगा। यह तकनीक न सिर्फ गति और कुशलता में क्रांति लाएगी, बल्कि भविष्य की डिजिटल दुनिया की नींव भी रखेगी।