इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, कंपनियों के तिमाही नतीजों और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की गतिविधियां और वैश्विक संकेत भी बाजार की स्थिति पर महत्वपूर्ण असर डालेंगे।
महाराष्ट्र दिवस के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेगा। इस दौरान, निवेशकों की नजर वाहनों की मासिक बिक्री, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और एचएसबीसी विनिर्माण पीएमआई जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी, जो बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, “भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव इस सप्ताह बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।” इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी निवेशकों की रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
पिछले सप्ताह बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिला था। बीएसई सेंसेक्स 659.33 अंक यानी 0.83 फीसदी चढ़ा, जबकि एनएसई निफ्टी में 187.7 अंक यानी 0.78 फीसदी की बढ़त हुई थी। इस वृद्धि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार खरीदारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके साथ ही, तिमाही नतीजों से मिले सकारात्मक संकेतों और वैश्विक बाजारों में स्थिरता ने भी निवेशकों के भरोसे को मजबूत किया। अगर वैश्विक और घरेलू संकेत स्थिर बने रहते हैं, तो बाजार आने वाले दिनों में और मजबूती दिखा सकता है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई है, उसके बाद निवेशकों का रुख थोड़ा सतर्क हो गया है। इस हमले के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है, जिससे शेयर बाजार पर दबाव आ सकता है। ऐसे हालातों में निवेशक सुरक्षित और स्थिर विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे कुछ सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिल सकती है।
इस हफ्ते बीपीसीएल, आईओसी, बजाज फाइनेंस, टीवीएस मोटर और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी बड़ी कंपनियां जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजे पेश करेंगी। इससे बाजार में हलचल बनी रह सकती है। निवेशक इन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर सेक्टर विशेष में निवेश का निर्णय ले सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि तिमाही नतीजों के साथ-साथ भू-राजनीतिक घटनाएं भी बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा सकती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि निवेशकों को सतर्क रहकर दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, क्योंकि मौजूदा परिस्थितियां बाजार में अनिश्चितता को बढ़ा सकती हैं।