भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस, गौतम अडानी, रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़ा दांव लगाने जा रहे हैं। उनकी कंपनी, अडानी रियल्टी, अब नवी मुंबई में 1,000 एकड़ से ज्यादा के क्षेत्र में एक विशाल टाउनशिप प्रोजेक्ट शुरू करने वाली है। यह प्रोजेक्ट कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा टाउनशिप प्रोजेक्ट होगा। यह टाउनशिप प्रोजेक्ट धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट से लगभग दोगुना बड़ा होगा। धारावी, जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है, उसका रिडेवलपमेंट भी अडानी ग्रुप द्वारा ही किया जा रहा है, और यह प्रोजेक्ट 600 एकड़ में फैला हुआ है।

नवी मुंबई का यह नया टाउनशिप प्रोजेक्ट अगले दशक तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, अडानी ग्रुप नवी मुंबई में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बना रहा है, जो इस क्षेत्र के विकास में और भी योगदान देगा। इस टाउनशिप का उद्देश्य न केवल आवासीय जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि यह नवी मुंबई को एक नया आयाम देने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
अडानी ग्रुप ने साल 2010 में रियल एस्टेट सेक्टर में कदम रखा था। ग्रुप ने अहमदाबाद के शांतिग्राम में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश से 600 एकड़ में एक बड़ा प्रोजेक्ट डेवलप किया था, जो उस शहर का सबसे बड़ा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट था। अब, अडानी ग्रुप पनवेल में नवी मुंबई में एक और विशाल टाउनशिप प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहा है, जो लगभग 1,000 से 1,100 एकड़ में फैला होगा।
इस प्रोजेक्ट का सेल्स ऑफिस पहले ही तैयार हो चुका है, और इसे एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है। यह नया प्रोजेक्ट न केवल नवी मुंबई के विकास को गति देगा, बल्कि एयरपोर्ट के साथ इसका सामंजस्य और भी आकर्षक बना देगा।
अडानी रियल्टी का व्यापारिक सफर

अडानी ग्रुप मुंबई के अलावा अहमदाबाद, पुणे और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहरों में भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स बना रहा है। मार्च में, अडानी प्रॉपर्टीज ने मुंबई के गोरेगांव स्थित मोतीलाल नगर के रिडेवलपमेंट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई थी, जिसकी लागत लगभग 36,000 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा, अप्रैल में अडानी ग्रुप की सहयोगी कंपनी ने दक्षिण मुंबई में 1.1 एकड़ का एक प्लॉट 170 करोड़ रुपये में खरीदा था। ये प्रोजेक्ट्स अडानी ग्रुप की रियल एस्टेट क्षेत्र में बढ़ती पैठ और मजबूत रणनीति को दर्शाते हैं। अडानी ग्रुप का उद्देश्य इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करना और महत्वपूर्ण शहरी विकास परियोजनाओं को आकार देना है, जिससे इन शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर और जीवन स्तर बेहतर हो सके।