भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की है। इस फैसले से आम जनता को खासकर उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने होम लोन ले रखा है या लेने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि अब होम लोन की ब्याज दरें घटेंगी और इससे हर महीने की ईएमआई में कमी आएगी। रियल एस्टेट सेक्टर ने आरबीआई के इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कटौती से जहां मौजूदा लोन धारकों की ईएमआई घटेगी, वहीं नई प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए भी यह एक अच्छा मौका बन जाएगा। इससे प्रॉपर्टी की मांग में इज़ाफा हो सकता है और बाजार में रियल एस्टेट की रफ्तार तेज़ होने की उम्मीद है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करने से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है। इस कदम से बैंकों द्वारा दी जाने वाली ऋण दरों में कमी आएगी, जिससे होम लोन पहले से ज्यादा किफायती हो जाएंगे। नतीजतन, विभिन्न आय वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा और आवास की मांग में इज़ाफा हो सकता है। कम ब्याज दरों का लाभ सिर्फ आवासीय रियल एस्टेट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा पहुंचेगा। ऑफिस स्पेस, रिटेल शॉप्स और अन्य व्यावसायिक संपत्तियों की मांग में भी सुधार देखने को मिल सकता है। इस तरह के फैसले न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र को बल देते हैं, बल्कि समग्र रूप से देश की आर्थिक वृद्धि को भी गति देने का काम करते हैं। सस्ती फाइनेंसिंग से न सिर्फ घरों की बिक्री बढ़ेगी, बल्कि निर्माण से जुड़े अन्य क्षेत्रों जैसे सीमेंट, स्टील और मजदूरी क्षेत्र में भी रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती एक सराहनीय कदम है, जो होम लोन लेने वालों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगा। इससे उनकी ईएमआई घटेगी और ऋण चुकाने का बोझ कुछ हद तक कम होगा। इस फैसले का सीधा लाभ रियल एस्टेट क्षेत्र को मिलेगा, खासकर किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग में। सस्ती ब्याज दरों के चलते अब ज्यादा लोग घर खरीदने की ओर अग्रसर होंगे, जिससे आवास की मांग में इज़ाफा होगा और निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
रेपो रेट में की गई हालिया कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक और व्यापक प्रभाव छोड़ने वाली पहल है। मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह फैसला न सिर्फ एंड-यूजर्स (यानी घर खरीदने वालों) के लिए फायदेमंद है, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक अच्छा अवसर लेकर आया है। इसका खास असर टियर-2 और टियर-3 शहरों में देखने को मिलेगा, जहां किफायती और मिड-साइज घरों की मांग लगातार बढ़ रही है। सस्ती ब्याज दरों के कारण इन इलाकों में घर खरीदना पहले की तुलना में ज्यादा आसान और आकर्षक हो जाएगा, जिससे रियल एस्टेट बाजार में नई ऊर्जा आएगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गई रेपो रेट में कटौती से न सिर्फ नए कर्जदारों को लाभ होगा, बल्कि पुराने होम लोन लेने वालों को भी राहत मिलेगी। नए होम बायर्स को अब बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना बढ़ गई है, जबकि पहले से लोन ले चुके ग्राहकों की मासिक किस्त (EMI) कम हो सकती है। इससे घर खरीदना पहले की तुलना में ज्यादा सुलभ और किफायती हो जाएगा, जिसका सीधा फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा। यह कदम ना केवल रियल एस्टेट को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि समग्र रूप से आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा।