हमारे देश के किसान अब पहले से ज्यादा जागरूक हो गए है। इसी के साथ अब वो पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक के माध्यम से नगदी फसलों की खेती कर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के मधुबनी प्रखंड के किसान मनिंदर कुशवाहा ने पपीता की खेती के जरिए शानदार मुनाफा कमाया है। कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने कुछ अलग करने की कोशिश करते हुए पपीते की खेती शुरू कर दी। आज इस खेती के जरिये वो हर साल लाखों रूपए कमा रहे हैं। आपको बता दें, कि आजकल तो डॉक्टर भी कई बीमारियों को दूर करने के लिए पपीता खाने की सलाह देते हैं, इसमें ढेर सारे पोषक तत्व होते है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं। यही वजह है कि बाजार में साल भर पपीते कि मांग रहती है।
मनिंदर कुशवाहा ने बताया कि पहले वह केले की खेती करते थे, लेकिन उससे उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था। फिर एक दिन उनके दिमाग में पपीता की खेती करने का आइडिया आया। तब उन्होंने सोचा कि पपीते की खेती करके ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके बाद जब उन्होंने पपीता की खेती करने के बारे में कुछ लोगों से चर्चा की, तो ज्यादातर लोगों का कहना था कि पपीता में कोई खास मुनाफा नहीं होता है। लेकिन मनिंदर ने उन लोगों से कहा, मैं पपीता की खेती करूँगा और इसमें अच्छा मुनाफा भी कमाकर दिखाऊंगा।
मनिंदर कुशवाहा ने बिहार सरकार उद्यान विभाग से पपीता के पौधे लेकर पपीता की खेती शुरू कर दी। उन्होंने दो एकड़ में पपीता के पौधे लगाए। मनिंदर ने कहा उन्होंने पपीता की खेती करके, उसे बेचकर, लगभग 3 लाख रूपए कमाए। इसके बाद उन्होंने किसानों को भी पपीता की खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पपीता की खेती कर किसान केला से बेहतर कमाई कर सकते हैं, और तो और पपीता की खेती करने में लागत भी बहुत ही कम लगता है। किसान सिर्फ गोबर की खाद से ही पपीता का बेहतर उत्पादन कर सकते हैं।
मनिंदर कुशवाहा ने पपीते की खेती करने का तरीका बताते हुए कहा कि पपीते की खेती सालभर की जा सकती है। इसकी खेती के लिए आपको 38 डिग्री सेल्सियस से 44 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान चाहिए होता है। पपीते की खेती के लिए 6.5 से 7.5 पीएच मान वाली हल्की दोमट या दोमट मिट्टी सबसे सही और अच्छी मानी जाती है। पपीते की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले पौधे को नर्सरी में उगाए जाता हैं, फिर उसके बाद उन्हें खेतों में बड़े ही सावधानी से रोपा जाता है। समय-समय पर पानी देना और इसकी देखभाल भी अच्छे से करनी होती है।