गोरखपुर जिले के आबू बाजार में रहने वाली एक महिला अपने कठिन परिश्रम और मजबूत इरादों के साथ आत्मनिर्भर बनने की एक नई प्रेरणादायक कहानी बना रही हैं। आज हम आपको उन्हीं सफल महिला किसान तलत अजीज के बारे में बताने वाले है। दरअसल, बचपन से ही इनकी रूचि सामाजिक कार्यों में थी, और साथ ही खेती-किसानी का भी शौक था। इन्होंने करीब 40 साल पहले गोरखपुर से 30 किलोमीटर दूर महराजगंज जिले के पनियरा गांव स्थित रजौरा में 15-16 एकड़ के फार्म हाउस पर खेती शुरू किया। हालांकि, शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें सफलता दिलाई।
महिला किसान तलत ने बताया की उनके पास कुल 15-16 एकड़ खेती की ज़मीन है। जहाँ उन्होंने पिछले 40 सालों से विभिन्न फसलों की खेती कर रही हैं। इस साल उन्होंने पहली बार ताइवान पिंक अमरूद लगाया है। इसके अलावा, 4 एकड़ में आम की बागवानी की गई है। आम की किस्मों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि दशहरी, लंगड़ा, कर्पूरी और आम्रपाली किस्में लगाई हैं।
किसान महिला तलत, जो 73 साल की उम्र पार कर चुकी हैं, ने बताया कि आम की बागवानी में खेतों में छिड़काव करना एक बड़ी समस्या बन गई थी। बगैर उचित छिड़काव के फसलों पर कीटों और रोगों का असर बढ़ने लगा था, जिससे पैदावार पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा था। इस चुनौती का समाधान निकालने के लिए उन्होंने अपना खुद का ड्रोन यूनिट खरीदने का निर्णय लिया। इस ड्रोन की कीमत 9.5 लाख रुपये थी, लेकिन सरकार से 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलने के बाद उन्हें यह ड्रोन मात्र 4.88 लाख रुपये का पड़ा।
तलत अजीज ने कहा, अब हमें खेतों में कीटनाशकों, रसायनों और उर्वरकों का छिड़काव सही और समान रूप से करने में मदद मिल रही है। यह ड्रोन न केवल समय की बचत करता है, बल्कि फसलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। अब खेती में तकनीकी मदद से न केवल काम आसान हुआ है, बल्कि लागत भी कम हुई है और उत्पादन में सुधार हुआ है।
किसान तलत ने बताया कि आईपीएम (IPM) तकनीक खेती के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. हमारे खेतों में चिपचिपी झंडियां, सोलर लाइट ट्रैप और अन्य यांत्रिक उपायों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कीट इन उपकरणों में फंसकर मर जाते हैं. इसके अलावा, अगर जरूरत होती है तो नीम के तेल का छिड़काव भी किया जाता है. यह विधि केवल आर्थिक दृष्टि से ही लाभकारी नहीं, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।