उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में विभागीय अधिकारियों के साथ आर्थिक वर्ष 2025-26 की प्रगति की समीक्षा बैठक की। इस दौरान मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों में किसानों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान अन्नदाता हैं और राज्य सरकार लगातार उनकी आमदनी बढ़ाने और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि मंडियों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले। मंडियों में स्वच्छता, पेयजल, विश्राम गृह, और डिजिटल भुगतान जैसी सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मंडी परिषद की योजनाओं का लाभ हर स्तर पर किसानों तक पहुँचे और किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार कृषि के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा दे रही है ताकि किसानों की उपज में वृद्धि हो और वे वैश्विक बाजारों तक पहुँच सकें।
कृषि क्षेत्र में प्रगति: मंडी परिषद की आय 278 करोड़ से ऊपर
दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि मंडी परिषद की आय में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मंडी शुल्क की दरों में कमी किए जाने के बावजूद इस बार कुल आय में लगभग ₹278 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है, जो कि पिछले साल की तुलना में 16.17 प्रतिशत अधिक है। इसी के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंडी परिषद की कुल आय ₹1994.50 करोड़ रही, जबकि पिछले साल 2023-24 में यह आय ₹1716.87 करोड़ रूपए की थी।
ई-मंडी पोर्टल ने बदली मंडियों की तस्वीर
मंडी परिषद को मिली यह बड़ी उपलब्धि ई-मंडी पोर्टल, ई-लाइसेंस जैसी डिजिटल व्यवस्थाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से संभव हो पाई है। इन नवाचारों के माध्यम से न केवल मंडियों में पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि व्यापार की प्रक्रिया भी सरल और तेज़ हुई है। उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े व्यापारियों को मंडी शुल्क और विकास सेस में लगभग ₹265 करोड़ की छूट प्रदान की गई है, जिससे इस क्षेत्र को बढ़ावा मिला है और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।

उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मंडियों में पारदर्शिता पूरी तरह सुनिश्चित की जाए और किसानों को उनकी उपज का सही दाम समय पर दिया जाए। इसके साथ ही मंडियों में किसानों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराइ जाये जैसे स्वच्छता, पेयजल, विश्राम कक्ष, और डिजिटल भुगतान की व्यवस्था आदि। इसके आलावा, मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों को तकनीक से जोड़ना और उन्हें मजबूत बनाना है, जिससे वे अपनी उपज का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।
बिचौलियों पर पैनी नजर
दिनेश प्रताप सिंह ने मंडियों में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय और लोडिंग-अनलोडिंग की सुविधाओं को प्राथमिकता देने की बात कही है।उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं को सुनिश्चित करने से किसानों को बेहतर वातावरण मिलेगा और उनका काम आसान होगा। इसके साथ ही, मंत्री ने ई-मंडी प्रणाली को और ज्यादा प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि किसानों को सीधे लाभ मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान जल से जल्द हो सके।
बिचौलियों पर निगरानी रखने के साथ-साथ उन्होंने सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता को सहन नहीं किया जाएगा, और इस दिशा में अधिकारियों को सक्रिय रूप से काम करना होगा। मंत्री ने सभी अधिकारियों से समन्वय बनाकर किसानों की भलाई हेतु योजनाओं को जमीन पर उतारने का आग्रह किया, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक आसानी से पहुँच सके।