अन्नदाता किसानों के हित में योगी सरकार निरंतर काम कर रही है। सरकार की नीतियों और प्रयासों का ही परिणाम है कि इस बार अप्रैल के पहले सप्ताह में ही 1 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हुई है। इस साल, मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से गांव-गांव जाकर किसानों से गेहूं की खरीद सुनिश्चित की गई, जिससे किसानों को सुविधा मिली। अब तक 20,409 किसानों से गेहूं की खरीद की जा चुकी है, और कुल 3.56 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण भी करवा लिया है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गेहूं की खरीद 15 जून तक जारी रहेगी, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। योगी सरकार का यह कदम किसानों के आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक अहम पहल है।
खाद्य विभाग की खेती से जुड़ी नई पहल
गेहूं की अच्छी खरीद सुनिश्चित करने के लिए कटाई से पहले ही गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क किया गया और उन्हें सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित किया गया। पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया में भी व्यापक सुधार किए गए हैं, जिससे किसानों को कोई कठिनाई न हो। इस बार खाद्य एवं रसद विभाग ने पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसानों के खेत तक पहुंचकर गेहूं की खरीद की व्यवस्था शुरू की।
कटाई के समय जब गेहूं की तौलने की प्रक्रिया चल रही है, तब केंद्रों पर मौके पर ही तौला जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब छुट्टी के दिनों में भी क्रय केंद्र खुले रहते हैं, जिससे अन्नदाता किसानों के लिए गेहूं बेचना और भी आसान हो गया है। यह पहल किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है और उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिल रही है।
बिना सत्यापन भी बेच सकेंगे किसान गेहूं
योगी सरकार ने यह व्यवस्था की है कि पंजीकृत किसान बिना सत्यापन के 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकते हैं। सत्यापन के बाद, किसान अपनी कुल उत्पादकता के आधार पर तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा प्राप्त करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि सत्यापन या अभिलेखों में किसी भी प्रकार की गलती के कारण किसानों को गेहूं बेचने में कोई दिक्कत न हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, क्रय केंद्रों पर किसानों के बैठने, शुद्ध पेयजल और अन्य जरूरी सुविधाओं की भी पूरी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। इस पहल से किसानों को राहत मिलेगी और वे बिना किसी परेशानी के अपने उत्पाद को बेच सकेंगे। सरकार किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है, ताकि उनकी कृषि से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सके और उनकी आय में वृद्धि हो।
समर्थन मूल्य में 150 रुपये की बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने रबी विपणन साल 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया है। पिछले वर्ष यह मूल्य 2275 रुपये प्रति कुंतल था, यानी इस बार सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि की है। इसके साथ ही, खाद्य विभाग और अन्य आठ क्रय एजेंसियों द्वारा कुल 5780 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई समस्या न हो। इन केंद्रों पर किसानों को सुविधाजनक तरीके से गेहूं बेचने का मौका मिलेगा।
खाद्य और रसद विभाग ने गेहूं की खरीद के लिए एक नई व्यवस्था बनाई है, जिसमें किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर उनकी आधार लिंक्ड बैंक खाता प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से सीधे किया जाएगा। इस कदम से किसानों को त्वरित भुगतान की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनकी उपज बेचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। यह पहल सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और उनके हितों की रक्षा करने की दिशा में एक अहम कदम है।
गेहूं किसानों को 43424.44 करोड़ रुपये का भुगतान
योगी सरकार ने अन्नदाता किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 2017-18 से लेकर 2024-25 तक के बीच सरकार ने 233.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की और इस दौरान 49,69,576 किसानों को कुल 43,424.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो पिछले सालों के मुकाबले लगभग तीन गुना अधिक है। वहीं, 2012 से 2017 के बीच, बिचौलियों का दबदबा था और इस दौरान सरकार महज 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही खरीद सकी, जिसके बदले केवल 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
इस अवधि में किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा था और बिचौलिए उनका लाभ उठा रहे थे। अब, योगी सरकार ने किसानों को सीधा लाभ देने के लिए पारदर्शी प्रणाली अपनाई है, जिससे बिचौलियों का कनेक्शन खत्म हुआ है और किसानों को उनकी उपज का पूरा और समय पर भुगतान मिल रहा है। इस नई व्यवस्था से किसानों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है और उनकी आय बढ़ी है।
किसानों के लिए जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर
खाद्य और रसद विभाग के अनुसार, क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद प्रतिदिन सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक की जा रही है। योगी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं कि किसानों को किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी न हो। किसी भी समस्या या विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए खाद्य और रसद विभाग ने टोल-फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जिले के खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गेहूं की खरीद प्रक्रिया में कोई रुकावट न हो, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम समय पर मिल सके।