जम्मू-कश्मीर में अब खेती किसानी और बागवानी दोनों के लिए ही रोजगार का एक अहम जरिया बन गया है। यहां के किसान अब एग्री बिजनेस और एग्री प्रोसेसिंग में भी अपने कदम बढ़ा रहे हैं। उधमपुर जिले के कई किसान बताते हैं कि पहले वे गेहूं और धान की खेती करते थे, लेकिन इनसे उनको, उतना मुनाफा नहीं मिल पाता था। लेकिन, अब जब वे केंद्र सरकार की योजनाओं से जुड़कर गन्ने की खेती कर रहे हैं और उसकी उपज से केमिकल-फ्री गुड़ बना कर बाजार में बेच रहे हैं। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी है, बल्कि मुनाफे में भी इजाफा हुआ है। किसानों को सरकारी सब्सिडी का लाभ भी मिल रहा है, और उनका कहना है कि बाजार में अब उनके बनाए हुए गुड़ की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है।
केंद्र सरकार की योजना से किसानों को मिल रहा लाभ
उधमपुर जिले के किसानों को मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज की पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना से लाभ मिल रहा है, जिससे गन्ना प्रोसेसिंग की क्षमता में काफी बेहतर सुधार आया है। वहीँ दूसरी तरफ जिले के धानू गांव के किसान केवल कुमार ने ही इस योजना की मदद से केमिकल-फ्री गुड़ बनाने के लिए उन्नत तकनीक अपनाई है। कुमार ने इस तकनीक का इस्तेमाल करके गन्ने का रस निकालने के लिए पारंपरिक बैल से चलने वाले सिस्टम की जगह ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया, जिससे उनके काम में तेजी भी आ गई और मेहनत भी पहले से कम हुई है।
ट्रैक्टर की मदद से खेती में आई तेजी
किसान केवल कुमार ने बताया कि पहले वह सिर्फ गेहूं और धान की ही खेती करते थे, लेकिन अब केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलने के बाद वह गन्ने की खेती कर रहे हैं। किसान ने ये भी कहा, कि “ट्रैक्टर पर सब्सिडी मिलने के बाद मेरा काम काफी आसान हो गया है। अब मैंने गन्ना उगाना और गुड़ बनाना शुरू किया है। पिछले साल मैंने बाजार में 15-20 क्विंटल गुड़ बेचा।” केवल कुमार ने कहा कि इस तकनीकी बदलाव ने उनके अपने जैविक और रसायन मुक्त गुड़ की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद की है।
जैविक गुड़ की बढ़ती डिमांड
जैविक गुड़ की बढ़ती मांग पर चर्चा करते हुए कुमार ने कहा, “मैंने रसायन-मुक्त शुद्ध जैविक गुड़ तैयार किया है, जिसके कारण हमारे उत्पाद की मांग में पैहले से ज्यादा वृद्धि हुई है, और इस उद्यम के माध्यम से मैंने और भी अधिक किसानों को जोड़ा है, और अब हम आत्मनिर्भर बन गए हैं। उत्पादन की बढ़ी हुई दक्षता ने न केवल मुझे अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद की, बल्कि मुझे अन्य किसानों की सहायता करने में भी सक्षम बनाया है।
तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को मिली सफलता
उधमपुर के किसानों को इस नई तकनीक के माध्यम से खेती करने में काफी सुविधा मिली है और तो और इससे उनकी आय भी दोगुनी बढ़ गई है। सरकार द्वारा दिए गए इस तकनीक की मदद से खेतों में क्रांति आई है। साथ ही फसल को भी पहले से ज्यादा अधिक मात्रा में उगाया गया है । अब केवल कुमार जैसे और भी किसान पूरी तरह से रसायनों से मुक्त, जैविक तरीके से गुड़ बना रहे हैं।