The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Monday, Jun 9, 2025
Facebook X-twitter Youtube Linkedin
  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें
  • विज्ञापन
  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
    • म्यूच्यूअल फण्ड
    • आई पी ओ
  • कंपनियां
    • आई टी
    • उद्योग
    • FMCG
    • टेलीकॉम
    • रियल स्टेट
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट
Font ResizerAa
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & InnovationThe Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
  • कंपनियां
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट
Search
  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
    • म्यूच्यूअल फण्ड
    • आई पी ओ
  • कंपनियां
    • आई टी
    • उद्योग
    • FMCG
    • टेलीकॉम
    • रियल स्टेट
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > अस्वर्गीकृत > गेहूं की आवक के बावजूद शुरू नहीं हो रही खरीदी, किसानों की बढ़ रही चिंता।
अस्वर्गीकृत

गेहूं की आवक के बावजूद शुरू नहीं हो रही खरीदी, किसानों की बढ़ रही चिंता।

करनाल जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसानों में चिंता और परेशानी बढ़ गई है।

Industrial Empire
Last updated: 05/04/2025 8:33 AM
Industrial Empire
Share
SHARE

करनाल जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसानों में चिंता और परेशानी बढ़ गई है। देरी का मुख्य कारण फसल में नमी की अधिक मात्रा और लदान तथा उठाने के लिए आवश्यक मजदूरों की कमी है। इस समय किसानों को अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही है, और वे अपने गेहूं को मंडी में लाकर सुरक्षित रखने की स्थिति में नहीं हैं।

हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) से “द ट्रिब्यून” द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, करनाल अनाज मंडियों में लगभग 852 क्विंटल गेहूं आया, जिसके बाद अब तक कुल आवक 1,102 क्विंटल हो चुकी है। किसान चाहते हैं कि सरकार शीघ्र ही खरीद प्रक्रिया शुरू करे ताकि उनकी फसल जल्दी बिक सके और उन्हें उचित मूल्य मिल सके। यदि इस स्थिति में जल्दी सुधार नहीं हुआ, तो किसानों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

खरीद में देरी से किसानों की बढ़ी मुश्किलें

इस साल जल्दी आवक के बावजूद, गेहूं की खरीद नहीं होने से किसान चिंतित हैं। कई किसान अपनी उपज को बेचने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो अब खुले में पड़ी हुई है। आढ़तियों द्वारा रखे गए मजदूर गेहूं की नमी कम करने के लिए उसे धूप में फैलाते हुए देखे गए।अधिकारियों ने पुष्टि की है कि खरीद में देरी का मुख्य कारण गेहूं में अधिक नमी होना है, जो निर्धारित सीमा 12 प्रतिशत से अधिक थी। जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी ईश्वर राणा ने कहा, “गेहूं की खेप में नमी की मात्रा अनुमति से अधिक है। हम किसानों से अपील करते हैं कि वे अनाज मंडियों में केवल सूखा और साफ गेहूं लेकर आएं, ताकि खरीद में देरी न हो।

इस स्थिति में किसानों को न केवल अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही है, बल्कि मंडी में उपज ले जाने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। अगर नमी की समस्या जल्दी हल नहीं होती, तो किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। किसानों को उचित मार्गदर्शन और समय पर खरीद की सुविधा मिलने से उनकी परेशानियां कम हो सकती हैं।

जल्द ही शुरू होगी खरीद प्रक्रिया

जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, अनिल कुमार ने बताया कि जिला स्तरीय समिति ने श्रम और परिवहन ठेकेदारों के चयन के लिए मूल्य बोलियां खोल दी हैं, और अंतिम मंजूरी राज्य स्तर पर लंबित है। कुमार ने कहा, “जिले ने अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है। बोलियां राज्य स्तरीय समिति को भेज दी गई हैं, और हमें उम्मीद है कि 8 अप्रैल तक ठेकेदारों के नाम तय हो जाएंगे। इसके बाद ही उठान, लदान और खरीद की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

किसानों को राहत मिल सके, इसके लिए अधिकारियों ने पूरी कोशिश की है, और अब राज्य स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद खरीद प्रक्रिया में तेजी आएगी। जल्द ही किसानों को उनकी फसल बेचने का अवसर मिलेगा, और वे अपनी उपज को सही मूल्य पर बेच पाएंगे। किसानों की चिंता को दूर करने के लिए यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की संभावना है, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी।

TAGGED:Arrival of wheatDistrict Food and Supplies ControllerHaryanaMoisture content in wheat consignmentThe Tribune
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article अप्रैल में आम के कीटों से बचाव के उपाय, फसल को करोड़ों का नुकसान होने से बचाएं
Next Article भारत का चावल निर्यात पर 1 मई से नई टैरिफ लाइन, 20 किस्‍मों को मिलेगा फायदा
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

सरकार द्वारा गेहूं की जमाखोरी पर रोक लगाने के लिए स्टॉक लिमिट तय की गई, जिससे व्यापारियों के भंडारण पर नियंत्रण रहेगा।
अस्वर्गीकृत

गेहूं की जमाखोरी पर रोक, सरकार ने तय की स्टॉक लिमिट

By
Nisha Mandal
अस्वर्गीकृत

महाराष्‍ट्र में रबी प्‍याज की रिकॉर्ड बुवाई, किसानों को अच्छे भाव की उम्‍मीद

By
Industrial Empire
Lauki
अस्वर्गीकृत

बिहार के एक किसान का बंजर जमीन से उपजाऊ जमीन तक का सफर

By
Industrial Empire
LIC ने 24 घंटे में 5.88 लाख इंश्योरेंस पॉलिसी बेचकर बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
अस्वर्गीकृत

LIC ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड: 24 घंटे में बेचीं 5.88 लाख पॉलिसी

By
Nisha Mandal
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Facebook X-twitter Youtube Linkedin

Quick links

  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें
  • विज्ञापन

Categories

  • होम
  • ट्रेडिंग खबरें
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट
  • शेयर मार्केट
    • म्यूच्यूअल फण्ड
    • आई पी ओ
  • कंपनियां
    • आई टी
    • उद्योग
    • FMCG
    • टेलीकॉम
    • रियल स्टेट
  • टेक /ऑटो
  • वित्त बीमा
  • स्टार्टअप/ MSME
  • रिन्यूएबल एनर्जी
  • सेविंग/ इन्वेस्टमेंट

Policies

  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions

Copyright © 2025 The Industial Empire. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?