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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > अन्य > गेहूं की आवक के बावजूद शुरू नहीं हो रही खरीदी, किसानों की बढ़ रही चिंता।
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गेहूं की आवक के बावजूद शुरू नहीं हो रही खरीदी, किसानों की बढ़ रही चिंता।

करनाल जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसानों में चिंता और परेशानी बढ़ गई है।
Last updated: 05/04/2025 8:33 AM
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Industrial Empire
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करनाल जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसानों में चिंता और परेशानी बढ़ गई है। देरी का मुख्य कारण फसल में नमी की अधिक मात्रा और लदान तथा उठाने के लिए आवश्यक मजदूरों की कमी है। इस समय किसानों को अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही है, और वे अपने गेहूं को मंडी में लाकर सुरक्षित रखने की स्थिति में नहीं हैं।

हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) से “द ट्रिब्यून” द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, करनाल अनाज मंडियों में लगभग 852 क्विंटल गेहूं आया, जिसके बाद अब तक कुल आवक 1,102 क्विंटल हो चुकी है। किसान चाहते हैं कि सरकार शीघ्र ही खरीद प्रक्रिया शुरू करे ताकि उनकी फसल जल्दी बिक सके और उन्हें उचित मूल्य मिल सके। यदि इस स्थिति में जल्दी सुधार नहीं हुआ, तो किसानों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

खरीद में देरी से किसानों की बढ़ी मुश्किलें

इस साल जल्दी आवक के बावजूद, गेहूं की खरीद नहीं होने से किसान चिंतित हैं। कई किसान अपनी उपज को बेचने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो अब खुले में पड़ी हुई है। आढ़तियों द्वारा रखे गए मजदूर गेहूं की नमी कम करने के लिए उसे धूप में फैलाते हुए देखे गए।अधिकारियों ने पुष्टि की है कि खरीद में देरी का मुख्य कारण गेहूं में अधिक नमी होना है, जो निर्धारित सीमा 12 प्रतिशत से अधिक थी। जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी ईश्वर राणा ने कहा, “गेहूं की खेप में नमी की मात्रा अनुमति से अधिक है। हम किसानों से अपील करते हैं कि वे अनाज मंडियों में केवल सूखा और साफ गेहूं लेकर आएं, ताकि खरीद में देरी न हो।

इस स्थिति में किसानों को न केवल अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही है, बल्कि मंडी में उपज ले जाने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। अगर नमी की समस्या जल्दी हल नहीं होती, तो किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। किसानों को उचित मार्गदर्शन और समय पर खरीद की सुविधा मिलने से उनकी परेशानियां कम हो सकती हैं।

जल्द ही शुरू होगी खरीद प्रक्रिया

जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, अनिल कुमार ने बताया कि जिला स्तरीय समिति ने श्रम और परिवहन ठेकेदारों के चयन के लिए मूल्य बोलियां खोल दी हैं, और अंतिम मंजूरी राज्य स्तर पर लंबित है। कुमार ने कहा, “जिले ने अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है। बोलियां राज्य स्तरीय समिति को भेज दी गई हैं, और हमें उम्मीद है कि 8 अप्रैल तक ठेकेदारों के नाम तय हो जाएंगे। इसके बाद ही उठान, लदान और खरीद की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

किसानों को राहत मिल सके, इसके लिए अधिकारियों ने पूरी कोशिश की है, और अब राज्य स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद खरीद प्रक्रिया में तेजी आएगी। जल्द ही किसानों को उनकी फसल बेचने का अवसर मिलेगा, और वे अपनी उपज को सही मूल्य पर बेच पाएंगे। किसानों की चिंता को दूर करने के लिए यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की संभावना है, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी।

TAGGED:Arrival of wheatDistrict Food and Supplies ControllerHaryanaMoisture content in wheat consignmentThe Tribune
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