हरियाणा में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं और सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है। इसी बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर किसी अनाज मंडी में किसानों की गेहूं या सरसों की फसल बारिश से भीगती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नाथूसरी चौपटा (सिरसा) और नारनौंद की मंडियों में किसानों की फसलें भीगने से जुड़ी खबरों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी फसल मंडी में लेकर आता है, तो उसे सुरक्षित रखना हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की जिम्मेदारी बनती है। बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बारिश या अन्य कारणों से फसल को कोई नुकसान न हो।
मंडी में किसानों को मिले पूरी सुविधा
हैफेड के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार ने कहा है कि गेहूं खरीद के काम में किसी भी तरह की लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि किसानों को फसल बेचते समय मंडियों में किसी भी तरह की अव्यवस्था या परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों की फसल सरकार द्वारा तय किए गए समर्थन मूल्य पर ही खरीदी जाए। साथ ही, गेहूं की समय पर खरीद और उसका उचित उठान (ट्रांसपोर्टेशन) हो, ताकि किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
मंडी में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
उन्होंने सभी अनाज मंडियों में सरसों और गेहूं की फसलों के भीगने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस लापरवाही के लिए जो भी अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि दोषी अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी 15 अप्रैल तक सौंप दी जाए। साथ ही यह भी बताया जाए कि इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि मौसम पर लगातार नजर रखी जाए और मंडियों में आने वाली फसल की सुरक्षा के लिए पहले से पूरी तैयारी की जाए, ताकि किसानों को किसी भी तरह का नुकसान न उठाना पड़े।
अधिकारियों को निर्देश
हैफेड के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार ने कुरुक्षेत्र और पिपली की अनाज मंडियों का दौरा कर गेहूं खरीद और उठान से जुड़ी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद आढ़तियों और किसानों से बातचीत की और उठान व खरीद प्रक्रिया की जानकारी ली।
मंडी में पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले गेट पास प्रणाली की समीक्षा की और वहां मौजूद कर्मचारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने फसल खरीद की व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए।
- खरीद कार्य को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से संचालित किया जाए,
- गेट पास प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए,
- किसानों के लिए स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई और अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं,
- फसल का उठान समय पर हो,
- और किसानों की फसल निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाए।