जब दुनिया की सबसे कठिन डिग्रियों की बात होती है, तो आमतौर पर मेडिसिन, मैथ्स और फिजिक्स जैसे कोर्स को सबसे मुश्किल माना जाता है। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे कोर्स हैं, जिन्हें पूरा करना आसान नहीं होता। इन डिग्रियों को हासिल करने में न सिर्फ मेहनत लगती है, बल्कि कभी-कभी तो छात्रों को अपनी नींद और आराम भी कुर्बान करना पड़ता है।
किसी भी डिग्री को कठिन माना जाए या नहीं, ये दो चीजों पर निर्भर करता है। पहला — उस कोर्स की डिमांड कितनी है, यानी उस डिग्री को पाने के लिए छात्र को कितना अलग और कठिन काम करना पड़ता है। और दूसरा — उस कोर्स का कंटेंट कितना जटिल और गहराई वाला है, यानी जो विषय पढ़ाया जा रहा है, वो समझने और याद रखने में कितना मुश्किल है।
दुनिया की 10 सबसे कठिन डिग्रीयां जिनमें मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर जैसी कई चुनौतियों से भरी पढ़ाइयाँ शामिल हैं।
आर्किटेक्चर

आर्किटेक्चर का मतलब सिर्फ डिज़ाइन ही बनाना नहीं होता है। एक अच्छा आर्किटेक्ट बनने के लिए आपके पास सिर्फ रचनात्मक सोच नहीं, बल्कि गणित की भी अच्छी खासी समझ होनी चाहिए। खासकर मैथ्स, जियोमेट्री, ट्रिग्नोमेट्री और अल्जेब्रा जैसे विषयों का मजबूत बेस ज़रूरी है, ताकि आप किसी भी इमारत की सही माप और बनावट तय कर सकें। इसके अलावा आर्किटेक्ट बनने के लिए लाइसेंस एग्ज़ाम भी देना पड़ता है।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग एक ऐसा कोर्स है जो बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इसमें छात्रों को मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री की गहरी समझ होनी चाहिए। खासतौर पर कैलकुलस, ट्रिग्नोमेट्री और अल्जेब्रा जैसे गणित के नियमों को अच्छे से सीखना और समझना बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि इनका इस्तेमाल रॉकेट, सैटेलाइट, और एयरक्राफ्ट डिज़ाइन करने में होता है। इसके अलावा इसे दुनिया के सबसे कठिन इंजीनियरिंग कोर्सेज में से एक माना जाता है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक ऐसा कोर्स है जिसमें इंजीनियरिंग की तकनीकों का इस्तेमाल करके ऐसी मशीनें और उपकरण बनाए जाते हैं, जो इंसानों की सेहत सुधारने और इलाज में मदद करते हैं। इस फील्ड का मकसद है, मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी को आपस में जोड़ना। बायोमेडिकल इंजीनियर वो लोग होते हैं जो पेसमेकर, इंसुलिन पंप, आर्टिफिशियल अंग (जैसे नकली हाथ या पैर) और यहां तक कि 3D प्रिंटेड ऑर्गन्स भी डिज़ाइन करते हैं।
मेडिकल कोर्स

डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले MBBS की पढ़ाई करनी होती है। इसके बाद छात्र रेजिडेंसी प्रोग्राम में शामिल होते हैं, जहां वे किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करते हैं, जैसे कि कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी या ऑर्थोपेडिक्स। इस दौरान छात्रों को क्लिनिकल ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें असली मरीजों का इलाज करना और मेडिकल उपकरणों का इस्तेमाल सीखना होता है। इसके अलावा, उन्हें मानव शरीर के अंदरूनी अंगों और बीमारियों के बारे में पढ़ना और याद रखना होता है।
नर्सिंग

नर्सिंग की डिग्री में छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल स्किल्स भी सिखाई जाती हैं, जैसे कि मरीजों की देखभाल करना, दवाइयाँ देना, और इमरजेंसी सिचुएशन में सही फैसले लेना। इस कोर्स के लिए छात्रों को बायोसाइंस यानी जीवविज्ञान की बुनियादी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे शरीर की कार्यप्रणाली और बीमारियों को समझ सकें। इस कोर्स का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होता है, लोगों के साथ संवेदनशीलता और धैर्य के साथ काम करना।
डेंटिस्ट्री

डेंटिस्ट्री की डिग्री में छात्रों को मुंह, दांत और मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों को पहचानने, रोकने और उनका इलाज करने की ट्रेनिंग दी जाती है। इस कोर्स में छात्र डेंटल साइंस के सिद्धांतों के साथ-साथ प्रैक्टिकल स्किल्स भी सीखते हैं। इसके अलावा छात्र एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मानव रोग, पैथोलॉजी और एपिडेमियोलॉजी भी सीखते हैं।
साइकोलॉजी

अगर आपको लगता है कि इंसानी दिमाग और व्यवहार को समझना आसान है, तो यह आपकी गलतफहमी हो सकती है। साइकोलॉजी (मनोविज्ञान) की डिग्री में दिमाग के काम करने के तरीके को वैज्ञानिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोणों से गहराई से पढ़ाया जाता है। इस कोर्स में आपको बायोलॉजी और विकास, सामाजिक मानव विज्ञान, राजनीति, दर्शन (फिलॉसफी), और समाजशास्त्र का gyan दिया जाता है।
चार्टेड अकाउंटेंसी

चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की पढ़ाई करने वाले छात्रों को केवल अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि अतिरिक्त व्यावसायिक प्रशिक्षण भी लेना पड़ता है। आमतौर पर CA की डिग्री पूरी करने में लगभग तीन साल लगते हैं, लेकिन कुछ छात्रों के लिए यह अवधि अधिक भी हो सकती है। इस दौरान छात्रों को विभिन्न मॉड्यूल्स जैसे अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, टैक्सेशन और फाइनेंस की पढ़ाई करनी होती है।
लॉ

एलएलबी जैसे कोर्स में छात्रों को संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून सहित कई प्रकार के कानूनी नियमों का अध्ययन करना होता है। अगर किसी छात्र को अंग्रेज़ी पढ़ने की आदत नहीं है, तो यह पाठ्यक्रम और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वकील बनने के लिए एलएलबी के बाद काउंसिल की परीक्षा भी पास करना जरुरी होता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

ChatGPT जैसे चैटबॉट्स के आने के बाद कई यूनिवर्सिटियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े कोर्स शुरू कर दिए हैं। इन कोर्सेज़ में छात्र यह सीखते हैं कि AI सिस्टम को कैसे डिज़ाइन, डेवलप और इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए न्यूरोसाइंस, कॉग्निटिव साइंस, लैंग्वेज साइंस और गणित की अच्छी समझ जरूरी होती है।