बाराबंकी में इंडो-डच प्रोजेक्ट की शुरुआत, प्रदेश का पहला “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्यान विभाग लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रहा है।

Industrial Empire
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्यान विभाग लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रहा है। इसी दिशा में अब विभाग को एक और बड़ी सफलता मिलने जा रही है। जनपद बाराबंकी में उद्यान विभाग द्वारा इंडो-डच प्रोजेक्ट की स्थापना की जा रही है। यह उत्तर प्रदेश में नीदरलैंड (हॉलैंड) के सहयोग से बनने वाला पहला “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” होगा।

इस परियोजना का उद्देश्य आधुनिक तकनीकों के माध्यम से बागवानी क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाना, फसलों की गुणवत्ता में सुधार लाना और किसानों को वैश्विक बाजारों के लिए तैयार करना है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में उन्नत किस्मों की खेती, ड्रिप इरिगेशन, ग्रीनहाउस तकनीक और फसल प्रबंधन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे क्षेत्र के किसानों को नई तकनीकों की जानकारी मिलेगी, साथ ही उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली फसलों के उत्पादन के जरिए बेहतर मूल्य भी प्राप्त होगा। यह प्रोजेक्ट न केवल बाराबंकी बल्कि पूरे प्रदेश के किसानों के लिए एक आदर्श मॉडल साबित होगा।

बाराबंकी बनेगा हाइ-टेक बागवानी का हब

उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें इंडो-डच प्रोजेक्ट की स्थापना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। यह महत्वाकांक्षी परियोजना जनपद बाराबंकी के त्रिवेदीगंज क्षेत्र के गांव सोनिकपुर में प्रस्तावित है। परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।

इंडो-डच तकनीक से फूलों और सब्जियों की खेती में क्रांति

उद्यान मंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद बाराबंकी में लगभग 7 हेक्टेयर भूमि पर इंडो-डच तकनीक से सब्जी और फूलों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। यह केंद्र बागवानी क्षेत्र में प्रदेश के किसानों के लिए समृद्धि का नया रास्ता खोलेगा। उन्होंने बताया कि यह उत्तर प्रदेश में नीदरलैंड (डच) के सहयोग से बनने वाला पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जो किसानों को विश्वस्तरीय तकनीक उपलब्ध कराएगा। इससे न केवल उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

राज्यभर के किसानों को मिलेगा लाभ

उन्होंने इस परियोजना की सराहना करते हुए इसे जल्द से जल्द जमीन पर उतारने की बात कही। साथ ही नीदरलैंड (डच) के विशेषज्ञ जोप वैन बालेन और उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त किय। साथ ही भविष्य में इस सहयोग को और मजबूत करने की उम्मीद भी जताई। यह इंडो-डच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सब्जी और फूलों की खेती के लिए सुल्तानपुर हाईवे पर स्थापित किया जाएगा। इसकी लोकेशन ऐसी है कि रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, लखनऊ सहित पूरे प्रदेश के किसान इससे लाभान्वित होंगे।

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