मनोरंजन की दुनिया में भारत का उभरता चेहरा
भारत सदियों से अपनी सांस्कृतिक विरासत, संगीत, नाट्य और सिनेमा के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन अब समय आ गया है कि भारत केवल पारंपरिक मनोरंजन तक सीमित न रहे, बल्कि वैश्विक स्तर पर मनोरंजन का केंद्र बनकर उभरे। यही सपना देखा है देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी ने। मुंबई में आयोजित “World Audio Visual and Entertainment Summit (WAVES)” में अपने भाषण में अंबानी ने एक बड़ा और भविष्यद्रष्टा विज़न रखा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट हब बनेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास न सिर्फ रचनात्मकता है, बल्कि अब उसके पास तकनीक, संसाधन और युवा ऊर्जा भी है, जो इस सपने को हकीकत बना सकते हैं। भारत के संगीत, कहानियों और फिल्मों की अब दुनिया भर में मांग बढ़ रही है। OTT प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और डिजिटल तकनीक ने भारतीय कंटेंट को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने का ज़रिया दे दिया है मुकेश अंबानी का मानना है कि भारत की प्रतिभा और परंपरा मिलकर अब एक नया मनोरंजन युग शुरू कर सकती हैं। एक ऐसा युग जहां भारत न केवल मनोरंजन का हिस्सा होगा, बल्कि उसका नेता होगा।
भारत की ताकत: संस्कृति, विविधता और रचनात्मकता
मुकेश अंबानी ने भारत की सबसे बड़ी ताकत के रूप में इसकी संस्कृति और विविधता को बताया। उन्होंने कहा भारत की कला, संगीत और कहानियां वह शक्ति हैं जो पूरी दुनिया को जोड़ सकती हैं।
- विश्व का सबसे बड़ा युवा जनसंख्या समूह
- हज़ारों साल पुराना कहानी कहने का इतिहास
- क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृतियों की अनोखी विविधता
- तेजी से डिजिटल होता समाज और व्यापक इंटरनेट पहुँच
इन सबका मिलकर मतलब है कि भारत कंटेंट क्रिएशन और मीडिया इनोवेशन में दुनिया का अगला लीडर बन सकता है।
Jio Studios और अंबानी की रणनीति
रिलायंस की Jio Studios पहले ही हजारों घंटे का मूल कंटेंट बना रही है, जिसमें फिल्में, वेब सीरीज़, डॉक्यूमेंट्री और क्षेत्रीय भाषाओं का कंटेंट शामिल है। अंबानी ने Jio को देश का सबसे बड़ा डिजिटल एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म बनाने का लक्ष्य रखा है।
उनका फोकस है:
- उच्च गुणवत्ता वाला भारतीय कंटेंट
- हिंदी के साथ तमिल, तेलुगु, मराठी, बंगाली, मलयालम जैसे क्षेत्रीय कंटेंट
- इंटरनेशनल ऑडियंस के लिए अनुकूल कहानियां
युवाओं को मिलेंगे नए अवसर
मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत को 10,000 से अधिक युवाओं को एनीमेशन, वीएफएक्स और डिजिटल टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित करना चाहिए।
ये क्षेत्र तेजी से रोजगार देने वाले बनते जा रहे हैं:
- VFX Artists
- Content Designers
- AI-Powered Game Developers
- Script Writers & Translators
- OTT Media Strategists
इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को साथ आकर Content Technology Parks और Media Incubation Hubs बनाना चाहिए।
एआई, गेमिफिकेशन और आईपी क्रिएशन का भविष्य
मनोरंजन की दुनिया में आने वाला समय होगा:
- AI पावर्ड कंटेंट निर्माण का
- गेमिंग आधारित कहानी कहने (Gamification) का
- और सबसे अहम, Intellectual Property (IP) Creation का
भारत को चाहिए कि वह अब सिर्फ कंटेंट बनाए नहीं, बल्कि स्वयं के अधिकारों वाला कंटेंट बनाए जिसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर दिखाया जा सके।
भारत को वैश्विक दर्शकों के लिए बनाना चाहिए कंटेंट
अंबानी ने कहा कि अब भारत के कंटेंट क्रिएटर्स को केवल भारतीय दर्शकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
उन्हें चाहिए कि वे ग्लोबल मार्केट को ध्यान में रखकर कहानी लिखें, बनाएं और प्रस्तुत करें।
- कोरियन कंटेंट ने दुनिया भर में धमाल मचाया
- जापानी एनीमे का वैश्विक फैनबेस बना
- इसी तरह भारतीय कहानियों को भी ग्लोबल ब्रांड बनाना चाहिए
भारत सरकार की भूमिका
भारत सरकार ने पहले ही इस दिशा में कई प्रयास किए हैं:
- AVGC Task Force (Animation, Visual Effects, Gaming and Comics) का गठन
- PLI Schemes for Media Sector
- Startup India Mission के तहत मीडिया स्टार्टअप को बढ़ावा
- Skill India Campaign के तहत डिजिटल स्किल्स पर फोकस
भारत की मनोरंजन क्रांति
मुकेश अंबानी का यह विज़न केवल एक व्यापारिक रणनीति नहीं है, यह एक राष्ट्र निर्माण की सोच है। अगर भारत दुनिया का आईटी हब बन सकता है, तो क्यों नहीं एंटरटेनमेंट हब? अब वक्त है कि भारत अपनी कहानी कहने की ताकत को पहचाने, अपने सांस्कृतिक खजाने को डिजिटल दुनिया में लाए और अपने युवाओं को ग्लोबल मीडिया के लिए तैयार करे। हर गांव, शहर और राज्य की अपनी अनोखी कहानियां हैं, जिन्हें सही प्लेटफॉर्म और तकनीक के ज़रिये पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा सकता है।
भारत के पास कला, संगीत, नृत्य, रंगमंच और फिल्मों का ऐसा भंडार है जो किसी भी देश के पास नहीं है। जरूरत सिर्फ इस विरासत को नई सोच, नई तकनीक और नए नजरिए के साथ आगे बढ़ाने की है। अगर हम अपने कंटेंट को वैश्विक स्तर पर पेश करना शुरू करें, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत की कहानियां हॉलीवुड और कोरियन कंटेंट की तरह दुनियाभर में छा जाएंगी। अब समय है कि हम भारत को केवल एक उपभोक्ता देश के रूप में न देखें, बल्कि एक कंटेंट निर्माता (Content Creator Nation) के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करें।