दूरसंचार उपकरण बनाने वाली वैश्विक कंपनी एरिक्सन ने ऐलान किया है कि वह जून 2025 तक भारतीय बाजार के लिए अपने पैसिव एंटीना सिस्टम (EAS) का पूरा उत्पादन भारत में ही करेगी। इसका मतलब है कि अब इन एंटीना की डिज़ाइनिंग से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक का सारा काम देश में ही किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एरिक्सन ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज (VVDN Technologies) के साथ साझेदारी की है। यह साझेदारी न सिर्फ उत्पादन को तेज़ और किफायती बनाएगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।
5G एंटीना का होगा बड़े पैमाने पर निर्यात
स्टॉकहोम स्थित दूरसंचार कंपनी एरिक्सन ने कहा है कि वह भारत में सिर्फ घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर एंटीना का निर्यात करने के लिए भी उत्पादन करेगी। कंपनी की योजना है कि भारत को अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) के तहत एक रणनीतिक उत्पादन केंद्र बनाया जाए। कंपनी ने यह भी बताया कि पैसिव एंटीना, जो कि दूरसंचार नेटवर्क का एक बेहद अहम हिस्सा होते हैं, भारत में ही डिज़ाइन, डेवलप और मैन्युफैक्चर किए जाएंगे। ये एंटीना विभिन्न संचार उपकरणों के बीच विद्युत चुंबकीय रेडियो तरंगों को भेजने और प्राप्त करने का कार्य करते हैं, और इस तरह वे 5G नेटवर्क की गुणवत्ता और कवरेज सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
5G नेटवर्क के लिए एंटीना की अहम भूमिका
5G नेटवर्क को सुचारु रूप से चलाने के लिए एंटीना बेहद जरूरी होते हैं। इन्हें सिर्फ टावरों और इमारतों की छतों पर ही नहीं, बल्कि अक्सर गलियों के खंभों, ट्रैफिक सिग्नल्स, स्ट्रीट लाइट्स, और यहां तक कि साइनबोर्ड्स जैसी जगहों पर भी स्थापित या छिपाकर लगाया जाता है। इसका मकसद है कि नेटवर्क हर कोने तक पहुंचे और सिग्नल की गुणवत्ता बनी रहे। भारत में 5G सेवा की शुरुआत के बाद, इन एंटीना की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ये एंटीना मोबाइल संचार, हाई-स्पीड डेटा ट्रांसफर और इंटरनेट एक्सेस को आसान और तेज़ बनाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
भारत में क्षमता होगी और मजबूत
एरिक्सन के लिए एंटीना बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये नेटवर्क के बेहतर प्रदर्शन और तकनीकी नवाचार में एक अहम भूमिका निभाते हैं। किसी भी आधुनिक नेटवर्क की नींव यही होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत में हमारा उत्पादन और विस्तार बढ़ने से हमारी क्षमताएं और मजबूत होंगी। इससे हम अपने ग्राहकों को तेजी से और अधिक उन्नत तकनीक प्रदान कर सकेंगे, खासकर उन जगहों पर जहां अगली पीढ़ी के नेटवर्क तैयार किए जा रहे हैं। माइकल एरिक्सन ने यह भी बताया कि एरिक्सन की यह रणनीति न केवल कंपनी की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी, बल्कि भारत को 5G और भविष्य की तकनीकों में एक वैश्विक इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
5G उपकरण आपूर्ति के लिए प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों से साझेदारी
भारत में स्थानीय विनिर्माण और नई तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के साथ, एरिक्सन ने मेक इन इंडिया अभियान में भी अपना योगदान दिया है। इससे न सिर्फ भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है, बल्कि स्थानीय उद्योगों के लिए नई नौकरियों और कौशल विकास के अवसर भी उत्पन्न हुए हैं। एरिक्सन की यह पहल भारत को वैश्विक टेलीकॉम हब बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
इससे भारत में स्मार्ट ट्रैफिक, कनेक्टेड कार्स, स्मार्ट होम्स, और अन्य इंटरनेट से जुड़े उपकरणों के लिए एक मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा। इसके अलावा, एरिक्सन का यह कदम भारत में उच्च गुणवत्ता वाले 5G उपकरणों के वैश्विक निर्यात के लिए भी अवसर पैदा करेगा, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक व्यापार में योगदान होगा।