भारत में अप्रैल में घूमने के लिए दार्जिलिंग जगह सबसे अच्छी और खूबसूरत है।

अप्रैल के महीने में जब भारत में गर्मी धीरे-धीरे दस्तक देने लगती है, तब वसंत की खुशबू छुट्टियों के मूड में बदलने लगती है। इस समय मौसम में हल्की-फुल्की गर्मी महसूस होती है, लेकिन हवाएं अब भी सुखद और ताजगी भरी होती हैं।

Industrial Empire
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By- Nisha Mandal

अप्रैल के महीने में जब भारत में गर्मी धीरे-धीरे दस्तक देने लगती है, तब वसंत की खुशबू छुट्टियों के मूड में बदलने लगती है। इस समय मौसम में हल्की-फुल्की गर्मी महसूस होती है, लेकिन हवाएं अब भी सुखद और ताजगी भरी होती हैं। स्कूलों की छुट्टियाँ शुरू हो जाती हैं, और ऐसे में परिवार ठंडी और सुकून भरी जगहों पर घूमने का प्लान बनाने लगते हैं। इस मौसम में हिमालयी क्षेत्रों और उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों का मौसम बहुत सुहावना हो जाता है। वहीं दक्षिण भारत में समुद्र के किनारे बसे ठंडे और शांत गंतव्य भी लोगों को खूब आकर्षित करते हैं। कुल मिलाकर, अप्रैल का महीना भारत में दार्जिलिंग शहर में घूमने-फिरने और छुट्टियों का आनंद लेने के लिए एक बेहतरीन जगह है।

  1. प्राकृतिक सुंदरता
    दार्जिलिंग चारों ओर से हरे-भरे पहाड़ों, चाय के बागानों और बादलों से ढकी वादियों से घिरा हुआ है। यहाँ का हर नज़ारा postcard जैसा लगता है।
  2. टॉय ट्रेन (Darjeeling Himalayan Railway)
    यह एक छोटा सा ट्रेन सफर है जो पहाड़ियों से होकर गुजरता है। यह ट्रेन यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है और बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको बहुत पसंद आता है।
  3. टाइगर हिल से सूर्योदय
    यहाँ से आप सुबह-सुबह सूरज को उगते हुए देख सकते हैं, और अगर मौसम साफ हो तो दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा पर्वत भी सुनहरी रोशनी में चमकती दिखती है।
  4. दार्जिलिंग की चाय
    दार्जिलिंग की चाय दुनियाभर में मशहूर है। यहाँ के चाय बागानों में घूमना और ताज़ा चाय पीना अपने आप में एक अनोखा अनुभव होता है।
  5. शांत और ठंडा मौसम
    दार्जिलिंग का मौसम साल भर सुहावना और ठंडा बना रहता है, खासकर गर्मियों में यह जगह ठंडी हवाओं और ताज़गी के लिए जानी जाती है।
  6. लोकल बाजार और संस्कृति
    यहाँ के बाजारों में तिब्बती और नेपाली संस्कृति की झलक मिलती है। आप ऊनी कपड़े, हस्तशिल्प और स्थानीय खान-पान का आनंद ले सकते हैं।
  7. मठ और बौद्ध संस्कृति
    दार्जिलिंग में कई सुंदर बौद्ध मठ (Ghoom Monastery) हैं, जहाँ शांति और आध्यात्मिकता का माहौल होता है।

दार्जिलिंग न केवल अपनी खूबसूरत पहाड़ियों और चाय के बागानों के लिए मशहूर है, बल्कि यहाँ का स्थानीय भोजन भी बहुत लाजवाब होता है। यहाँ की सबसे प्रसिद्ध डिश है मोमोज, जो लगभग हर गली-नुक्कड़ पर मिलते हैं। गरमागरम मोमोज तीखी लाल चटनी और सूप के साथ परोसे जाते हैं, जो ठंडे मौसम में और भी स्वादिष्ट लगते हैं। इसके अलावा थुकपा, जो एक तरह का तिब्बती नूडल सूप है, काफी लोकप्रिय है – इसमें सब्जियाँ या चिकन डालकर इसे मसालेदार बनाया जाता है।

दार्जिलिंग में नेपाली प्रभाव वाले व्यंजन भी खूब मिलते हैं, जैसे सेल रोटी और दार्जिलिंग स्टाइल आलू दम, जिन्हें खास मौकों पर या नाश्ते में खाया जाता है। वहीं, तिब्बती ब्रेड और आलू की मसालेदार सब्जी भी स्थानीय लोगों का पसंदीदा भोजन है। यहाँ की स्थानीय बेकरीज़ में मिलने वाले पेस्ट्री, बन और मिठाइयाँ भी बहुत मशहूर हैं, जिन्हें अक्सर दार्जिलिंग की मशहूर चाय के साथ लिया जाता है। कुल मिलाकर, दार्जिलिंग का खाना वहाँ की संस्कृति और मौसम का स्वाद दिल में उतार देता है।

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