वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में रियल एस्टेट का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में एआईएफ में रियल एस्टेट का सबसे बड़ा हिस्सा था। संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में कुल 5,06,196 करोड़ रुपये का एआईएफ निवेश हुआ। इसमें से सबसे बड़ी हिस्सेदारी रियल एस्टेट की रही, जिसमें 15 फीसदी के साथ 73,903 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
इस निवेश प्रवृत्ति से यह साफ है कि रियल एस्टेट को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां स्थिर और उच्च रिटर्न की संभावना होती है। इसके अलावा, रियल एस्टेट क्षेत्र में एआईएफ का निवेश बढ़ने से नए परियोजनाओं के विकास को भी बढ़ावा मिल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और ज्यादा रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
इसके बाद, एआईएफ ने अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है। आईटी/आईटीईएस में 30,279 करोड़ रुपये, वित्तीय सेवाओं में 26,807 करोड़ रुपये, एनबीएफसी में 21,929 करोड़ रुपये, बैंकों में 21,273 करोड़ रुपये, फार्मा में 18,309 करोड़ रुपये, एफएमसीजी में 12,743 करोड़ रुपये, रिटेल में 11,550 करोड़ रुपये और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 11,433 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
हाल के वर्षों में एआईएफ निवेश में तेजी देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2019 में एआईएफ में कुल 2,82,148 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। वहीं, वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों तक कुल एआईएफ निवेश 13,05,179 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो कि पिछले 6 वर्षों में एआईएफ निवेश में चार गुना से भी ज्यादा वृद्धि दर्शाता है। यह निवेश प्रवृत्ति दिखाती है कि भारतीय निवेशक अब विविध क्षेत्रों में, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां उच्च विकास की संभावना है, वहां ज्यादा निवेश कर रहे हैं। इस बढ़ते निवेश से आर्थिक विकास और नए अवसरों का सृजन ज्यादा मात्रा में हो रहा है।
पिछले एक दशक में सक्रिय एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) की संख्या में 36 गुना बढ़ौतरी हुई है। 31 मार्च 2013 तक केवल 42 सक्रिय एआईएफ थे, जबकि 5 मार्च 2025 तक यह संख्या बढ़कर 1,524 हो गई है। 2019 के बाद से एआईएफ की संख्या में चार गुना से भी ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। फाइनेंस साल 2013 और फाइनेंसियल ईयर 2025 के बीच एआईएफ में जुटाई गई निवेश संबंधित प्रतिबद्धताओं में 83.4 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई है, जो इस क्षेत्र में निवेशकों के बढ़ते विश्वास और निवेश की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
एनारॉक समूह के चेयरमैन, अनुज पुरी ने कहा कि भारत के प्रमुख एआईएफ ने अब तक 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी डालकर कई रुकी हुई परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस निवेश ने न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र को पुनः संजीवनी दी है, बल्कि इससे नई परियोजनाओं के निर्माण को भी गति मिली है, जो देश की आर्थिक वृद्धि और विकास में योगदान कर रहे हैं। इस वृद्धि से यह स्पष्ट है कि भारतीय बाजार में एआईएफ का प्रभाव बढ़ रहा है और यह विभिन्न उद्योगों में निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान कर रहा है।