योगी आदित्यनाथ सरकार के लगातार और ईमानदार प्रयासों की वजह से उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव आया है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में लगभग 65 लाख पंजीकृत गन्ना किसानों और 46.5 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को सरकारी योजनाओं से सीधे फायदा पहुंचा है। सरकार ने समय पर भुगतान, पारदर्शी क्रय प्रणाली, डिजिटल निगरानी और चीनी मिलों की व्यवस्था में सुधार जैसे कई कदम उठाए हैं, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है और उन्हें मेहनत का पूरा मोल मिलने लगा है।
इसके विपरीत, पहले की सरकारों — चाहे वह समाजवादी पार्टी हो, बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस — के कार्यकाल में गन्ना किसानों की हालत काफी खराब थी। न तो समय पर भुगतान होता था और न ही उनकी समस्याओं की सुनवाई होती थी। बकाया भुगतान महीनों तक लटकता रहता था, जिससे किसान आर्थिक संकट में फंसे रहते थे। आज हालात बदल चुके हैं। योगी सरकार की नीतियों ने गन्ना किसानों में एक नई उम्मीद और भरोसा जगाया है।
इथनॉल उत्पादन को मिली रफ्तार
उत्तर प्रदेश के 45 ज़िलों में इस समय कुल 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं, जिनमें से 96 निजी क्षेत्र की, 23 सहकारी और 3 निगम क्षेत्र की मिलें हैं। इसके अलावा प्रदेश में 285 खांडसारी इकाइयां और 65 कोजन (बायो-ऊर्जा) इकाइयां भी सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने चीनी मिलों के आधुनिकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया है। अब तक 52 चीनी मिलों को आधुनिक तकनीक से लैस किया जा चुका है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और कार्यकुशलता में बढ़ोतरी हुई है।
इसके साथ ही, सरकार ने इथनॉल उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है। वर्तमान में लगभग 8,000 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता के साथ इथनॉल उत्पादन किया जा रहा है, जो किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ स्वदेशी ईंधन को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है। इन प्रयासों का एक बड़ा सामाजिक लाभ यह भी है कि चीनी उद्योग के माध्यम से प्रदेश में करीब 8 लाख 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिला है।
गन्ना किसानों 1,200 करोड़ की अतिरिक्त कमाई
पिछली सरकार के कार्यकाल (साल 2016-17) की तुलना में योगी आदित्यनाथ सरकार के समय में गन्ना क्षेत्र में काफी सुधार देखने को मिला है। सरकार के प्रयासों से गन्ने के कुल क्षेत्रफल में 43%, गन्ना उत्पादकता में 16% और कुल गन्ना उत्पादन में 68% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज उत्तर प्रदेश देश में गन्ना उत्पादन के मामले में अग्रणी राज्य बन चुका है। देश के कुल गन्ना क्षेत्रफल और उत्पादन का लगभग 49% हिस्सा उत्तर प्रदेश से आता है, जबकि कुल चीनी उत्पादन में प्रदेश की भागीदारी 33% है। सरकार की नीतियों और समर्थन से राज्य के गन्ना किसानों को लगभग 1,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय भी हुई है। यह उपलब्धि गन्ना किसानों की मेहनत और सरकार की सही दिशा में किए गए कार्यों का परिणाम है।
गन्ना किसानों को दिया गया 2.80 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान
वर्तमान योगी सरकार के कार्यकाल में अब तक गन्ना किसानों को कुल 2.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। यह राशि साल 1995 से मार्च 2017 तक के 22 वर्षों में किए गए कुल भुगतान से लगभग 66 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है, जो सरकार की गन्ना किसानों के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही साल 2024-25 में चीनी उद्योग का सकल मूल्य वर्धन लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को दिखाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की 158 सहकारी गन्ना समितियां, 27 सहकारी चीनी मिल समितियां और 152 गन्ना विकास परिषदें सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं, जो गन्ना किसानों को लगातार लाभ पहुंचाने और उनकी आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।