रबी फसलों की कटाई के साथ ही किसान मूंग की खेती के लिए खेतों में उतर चुके हैं। मूंग, दलहन की एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे किसान मार्च और अप्रैल के महीनों में बड़े पैमाने पर उगाते हैं। मूंग की खेती से जहां एक ओर अच्छी कमाई होती है, वहीं यह मिट्टी की उर्वरक शक्ति को भी सुधारने में मदद करती है। जिससे कई राज्यों के किसान मूंग की खेती करते हैं।
इसी बीच, हरियाणा में दलहन की खेती को बढ़ावा देते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने 2025-26 सीजन में 1 लाख एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने का लक्ष्य तय किया है। इस पहल के तहत विभाग ने अलग- अलग जिलों के किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर 10,000 क्विंटल ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज उपलब्ध कराएगा।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने इस पहल के दोहरे फायदे पर जोर देते हुए बताया कि मूंग की खेती से न केवल मिट्टी की सेहत में सुधार होता है, बल्कि यह किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बेहतरीन स्रोत भी बनता है। इस तरह, मूंग की खेती में रुचि रखने वाले किसान 26 मार्च से 20 अप्रैल तक विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
हरियाणा बीज विकास निगम (HSDC) द्वारा सत्यापन के बाद, योग्य किसानों को HSDC बिक्री काउंटरों पर केवल 25 प्रतिशत लागत का भुगतान करके सब्सिडी वाले ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज मिलेंगे। बचे 75 प्रतिशत की राशि कृषि उप निदेशकों (DDA) द्वारा सत्यापन के बाद विभाग द्वारा दिया जायेगा। किसान 3 एकड़ में खेती के लिए अधिकतम 30 किलो बीज खरीद सकते हैं।
इसके साथ ही हरियाणा सरकार का कहना हैं कि अगर कोई किसान बीज लेता है और खेती नहीं करता, तो उसे 75 प्रतिशत सब्सिडी की राशि वापस करनी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करता, तो उसे अगले दो फसल सत्रों के लिए कृषि विभाग द्वारा मिलने वाले लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।