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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > अस्वर्गीकृत > पल्यावानापल्ली गांव में बोरवेल कनेक्शन से किसानों को खेती में मिल रहा फायदा
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पल्यावानापल्ली गांव में बोरवेल कनेक्शन से किसानों को खेती में मिल रहा फायदा

किसान अब वाटर शेयरिंग फॉर्मूला अपनाकर खेती कर रहे हैं।

Industrial Empire
Last updated: 25/03/2025 5:49 AM
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आंध्र प्रदेश के पल्यावानापल्ली गांव के कुछ किसानों ने खेती के लिए एक नया तरीका अपनाया है। यहाँ के किसान अब वाटर शेयरिंग फॉर्मूला के तहत खेती कर रहे हैं, जिससे पानी की बर्बादी नहीं हो रही और उपज में भी बढ़ोतरी हो रही है। इस वाटर शेयरिंग फॉर्मूला को सही तरीके से लागू करने के लिए किसानों ने एक वाटर यूजर ग्रुप बनाया है। जिसको लेकर किसानों के बीच एक समझौता भी हुआ है, जिसके तहत इस प्रणाली से जुड़े कोई भी किसान अगले 10 साल तक नया बोरवेल नहीं लगा सकते। इसी के साथ उनके इस नए प्रयोग के कारण इलाके में भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है।

पल्यावानापल्ली गांव के किसान अब वाटर शेयरिंग फॉर्मूला अपनाकर खेती कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले पानी की कमी के कारण खेती में कठिनाइयाँ आती थीं, जिससे उपज भी कम होती थी। लेकिन अब पानी को साझा करने से उन्हें काफी फायदा हो रहा है। किसानों का यह मानना है कि इस प्रणाली से न केवल उनकी खेती में सुधार हुआ है, बल्कि भूजल स्तर में भी काफी सुधार देखा गया है।

पल्यावानापल्ली गांव के 16 किसान इस योजना से जुड़े हुए हैं, और इन सभी के पास एक कॉमन कनेक्शन है। गांव में कुल 38 एकड़ जमीन पर साझा बोरवेल स्थापित किए गए हैं। बता दें, इस कार्यक्रम की शुरुआत 2012 में हुई थी। तभी इन किसानों ने एक वाटर शेयरिंग ग्रुप का गठन किया, और हर एक किसान ने इस योजना में 2500-2500 रुपए का योगदान किया, जिसके बाद इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया। सभी किसानों ने स्टाम्प पेपर पर एक समझौता भी किया, जिसमें यह तय किया गया कि वे अगले 10 साल तक कोई भी नया बोरवेल नहीं लगाएगा। वहीँ इन 16 किसानों में से 4 के पास बोरवेल है, जबकि 12 किसान ऐसे हैं जिनके पास बोरवेल नहीं है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की उनको पानी नहीं दिया जाता। पाइपलाइन की मदद से सबके खेतो में अच्छी तरह से पानी की सप्लाई होती है।

पल्यावानापल्ली गांव में 2200 फुट लंबी पाइपलाइन के माध्यम से खेतों को जोड़ा गया है, जिससे पानी की सप्लाई होती है। इस पाइपलाइन का सबसे ज्यादा फायदा खरीफ सीजन में होता है। क्यूंकि इस खरीफ सीजन के दौरान बोरवेल वाले किसान कॉमन पाइपलाइन से जुड़े अन्य किसानों को पानी देते हैं। बुआई, फूल और फल आने और कटाई के समय पानी की जरुरत और इसका इस्तेमाल विशेष रूप से किया जाता है।

पल्यावानापल्ली गांव के इन 16 किसानों ने खेती के लिए इस नए तरीके को अपनाकर दूसरे किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है। इसके साथ ही उनको खेती करने में पहले से ज्यादा आराम और सुविधा भी मिली है। उनकी फसलों में भी पहले से ज्यादा वृद्धि हुई है।

TAGGED:Andhra Pradeshborewell connectionPalyavanapalli villagewater sharing formula
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