देश के आर्थिक विकास में भारतीय रेलवे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसकी गिनती दुनिया के बड़े रेलवे नेटवर्क में होती है। भारतीय रेलवे यात्रा का काफी किफायती साधन है, इसी कारण से हर रोज करोड़ों की संख्या में यात्री भारतीय ट्रेनों में सफर करते हैं। भारतीय रेलवे का एक विशाल नेटवर्क पूरे देश में फैला है, जो क्षेत्रों को बड़े-बड़े महानगरों से जोड़ने का काम करता है।
यात्रियों को सफर के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इस उद्देश्य से भारतीय रेलवे समय-समय पर नए नियम जारी करता रहता है। ये नियम यात्रियों की यात्रा को अधिक सुगम और आरामदायक बनाने के लिए बनाए जाते हैं, चाहे वह रात में सोने से संबंधित हो या फिर स्टेशन पर वेटिंग की स्थिति से। हाल ही में एक नया नियम लागू किया गया है, जो यात्रियों के बैग के वजन पर ध्यान केंद्रित करता है। अक्सर देखा जाता है कि कुछ यात्री जरूरत से ज्यादा वजन के सामान को अपने साथ ले आते हैं, जिससे अन्य यात्रियों को असुविधा होती है। इसी कारण से भारतीय रेलवे ने यह नियम लागू किया है, ताकि सभी यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सके।
भारतीय रेलवे के आधिकारिक नियमों के अनुसार, यात्रा के दौरान फ्री सामान ले जाने की सीमा यात्रियों की, यात्रा श्रेणी पर निर्भर करती है।
AC फर्स्ट क्लास में यात्रा करने वाले यात्री 70 किलो तक सामान मुफ्त में ले जा सकते हैं।
AC 2-टियर में यात्रा करने वाले यात्री 50 किलो तक सामान ले सकते हैं।
AC 3-टियर और स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले यात्री 40 किलो तक सामान ले जाने की अनुमति है।
जनरल (सेकेंड क्लास सीटिंग) के यात्रियों को 35 किलो तक सामान ले जाने की छूट प्राप्त होती है।
मार्च 2025 में रेलवे प्राधिकरण ने भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की। इसके तहत, 60 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अब केवल उन्हीं यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी जिनके पास कन्फर्म टिकट होगा। इसका उद्देश्य प्लेटफॉर्म पर होने वाली भीड़ को कम करना है। हालांकि, इस नए नियम का यात्रियों के सामान ले जाने की अनुमति (लगेज अलाउंस) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह कदम यात्रियों के यात्रा अनुभव को और अधिक आरामदायक और व्यवस्थित बनाने के लिए उठाया गया है।