ई-कॉमर्स कंपनी Meesho की सकल व्यापारिक वैल्यू (GMV) फाइनेंसियल ईयर 2025 में 6.2 अरब डॉलर तक पहुँच गई है। इससे वह GMV के आधार पर देश का तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गई है। ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Meesho आने वाले सालों में तेज़ी से बढ़ेगी और फाइनेंसियल ईयर 2031 तक इसकी GMV में 26% की सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से वृद्धि होने का अनुमान है। Meesho की खासियत इसका low-cost मॉडल, social commerce पर फोकस और छोटे शहरों व कस्बों में गहरी पैठ है, जिसने इसे देशभर के ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है।

ब्रोकरेज फर्म CLSA का मानना है कि आने वाले 6 सालों में Meesho भारत के ई-कॉमर्स बाजार में अपनी हिस्सेदारी को मौजूदा 8.5% से बढ़ाकर 10% तक पहुंचा सकती है। CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, Meesho को यह बढ़त खासकर छोटे शहरों में उसकी बढ़ती लोकप्रियता, कम लागत वाला बिज़नेस मॉडल और सस्ती कीमतों पर फोकस की वजह से मिल रही है। यह भी कहा गया है कि Meesho ने यह तरक्की ऐसे समय में की है जब Flipkart और Amazon जैसी बड़ी कंपनियों की बाज़ार हिस्सेदारी में थोड़ी गिरावट आई है। Meesho का ध्यान विशेष रूप से बजट-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स, रिसेलिंग मॉडल, और सीधे कस्टमर तक पहुंच बनाने पर है, जिससे उसे छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में तेज़ी से अपनाया जा रहा है।
इस समय भारत के ई-कॉमर्स बाजार में चार बड़ी कंपनियों Flipkart, Amazon, Meesho और Myntra का दबदबा है। Meesho ने पिछले चार सालों में जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है। 2020 में जहां उसकी बाजार हिस्सेदारी 1% से भी कम थी, वहीं 2024 तक यह बढ़कर 8.9% तक पहुँच गई है। इसके उलट, Flipkart की हिस्सेदारी 2020 में 33.7% थी, जो अब घटकर 32.1% रह गई है। Amazon की हिस्सेदारी भी 30.5% से घटकर 28.3% हो गई है। Myntra की स्थिति इन चार सालों में लगभग स्थिर रही है, और उसकी बाजार हिस्सेदारी में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। Meesho की यह तेज़ ग्रोथ उसके कम लागत वाले बिज़नेस मॉडल, छोटे शहरों में मजबूत पकड़, और सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचने की रणनीति की वजह से संभव हो पाई है।
Bain & Company और Flipkart की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ई-रिटेल बाजार आने वाले सैलून में तेज़ी से बढ़ेगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि बढ़ते ग्राहक आधार और नए बिज़नेस मॉडल्स के चलते यह बाजार 2030 तक तीन गुना होकर 170 से 190 अरब डॉलर की GMV तक पहुँच सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन खरीदारों का बाजार बन चुका है। 2024 तक देश में 27 करोड़ से ज़्यादा लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे थे। इस तेज़ विकास के पीछे सस्ते इंटरनेट, स्मार्टफोन की बढ़ती पहुँच, और छोटे शहरों से जुड़े ग्राहकों की भागीदारी को अहम वजह बताया गया है।