सीमा पर लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच देश की बड़ी FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियों ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए कंपनियों ने भंडारण और सप्लाई चेन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश और संभावित स्थिति को देखते हुए कंपनियां अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गई हैं।
सीमावर्ती जिलों में बढ़ा स्टॉक
इस समय देश के उत्तरी हिस्से में सैन्य गतिविधियां और चौकसी का स्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में उपभोक्ताओं की जरूरतें पूरी करने के लिए FMCG सेक्टर ने अग्रिम भंडारण की योजना पर काम शुरू कर दिया है। प्रमुख कंपनियों ने अपने स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटरों और थोक विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त स्टॉक बनाए रखें। इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी आपात स्थिति में आम जनता को आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो।
FMCG सप्लाई चेन एक्टिव मोड में
जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कठुआ जैसे प्रमुख शहरों में पहले से ही सप्लाई बढ़ा दी गई है। विभिन्न कंपनियों की ओर से ट्रकों के माध्यम से आवश्यक वस्तुएं जैसे पैकेट फूड, दैनिक उपभोग की वस्तुएं, पेय पदार्थ और दवाइयों की आपूर्ति निरंतर जारी है। कुछ कंपनियां तो अपने निजी गोदाम भी इन क्षेत्रों में तैयार कर रही हैं ताकि सड़क यातायात बाधित होने की स्थिति में भी आपूर्ति जारी रह सके।
FMCG उद्योग का बड़ा कदम
FMCG उद्योग की इस सक्रियता से न केवल इन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि इससे बाजार में अफरा-तफरी की स्थिति भी नहीं बनेगी। साथ ही यह उपभोक्ताओं के विश्वास को भी बनाए रखेगा। सरकार की तरफ से भी कंपनियों को लॉजिस्टिक सुविधा देने का भरोसा दिया गया है जिससे वितरण प्रणाली सुचारू बनी रहे।
इस पूरी स्थिति में यह स्पष्ट है कि FMCG कंपनियां न केवल व्यापार की दृष्टि से बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी को भी ध्यान में रखते हुए रणनीतिक कदम उठा रही हैं। तनावग्रस्त क्षेत्रों में समय पर सप्लाई और स्टोरेज का यह फैसला दूरदर्शिता और प्रबंधन कुशलता का परिचायक है।