उत्तर प्रदेश के जेवर में तकनीकी क्रांति की नींव रखी जा चुकी है। केंद्र सरकार ने HCL ग्रुप और फॉक्सकॉन के संयुक्त उपक्रम को 3,700 करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर चिप असेंबली और टेस्टिंग प्लांट लगाने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के माध्यम से जेवर न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए सेमीकंडक्टर निर्माण के गढ़ के रूप में उभरने जा रहा है।

आधुनिक टेक्नोलॉजी का केंद्र बनेगा जेवर
इस संयंत्र में आउटसोर्स्ड एसेंबली और टेस्टिंग यूनिट (OSAT) स्थापित की जाएगी, जो हर महीने लगभग 20,000 सेमीकंडक्टर वैफर को असेंबल करेगी। इसके साथ ही संयंत्र की डिजाइन उत्पादन क्षमता 3.6 करोड़ यूनिट प्रति माह होगी। इस उच्च तकनीक संयंत्र में वेफर-लेवल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिससे चिप्स की गुणवत्ता और उत्पादकता वैश्विक मानकों के अनुरूप होगी।
रोजगार और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से लगभग 2,000 लोगों को सीधे रोजगार मिलने की उम्मीद है। वहीं अप्रत्यक्ष रूप से हजारों अन्य लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। जेवर और नोएडा जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। युवाओं के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट के नए अवसर खुलेंगे।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
देश में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी और ऑटोमोबाइल की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसे में डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स जैसे जरूरी कंपोनेंट्स का देश में निर्माण होना आत्मनिर्भर भारत मिशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभी तक भारत को इन चिप्स के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस संयंत्र की स्थापना से आयात पर निर्भरता घटेगी और ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती मिलेगी।