पाकिस्तान एक बार फिर भारत के सामने झुकता नजर आ रहा है। आतंकी गतिविधियों और लगातार उकसावे के बाद भारत द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है। हालत यह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब भारत से बातचीत की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका देश कश्मीर, पानी के बंटवारे और व्यापार जैसे जटिल मुद्दों पर भी चर्चा करने के लिए तैयार है।

भारत के सख्त कदमों से पाकिस्तान बौखलाया
बीते महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एक के बाद एक कड़े प्रतिबंध लगाए। न सिर्फ व्यापार पर रोक लगाई गई, बल्कि वर्षों पुराने सिंधु जल संधि को भी भारत ने एकतरफा निरस्त करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंक के सरपरस्त के रूप में उजागर किया।
शहबाज शरीफ की रहम की अपील
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरान की राजधानी तेहरान में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हम अपने पड़ोसी भारत के साथ पानी, व्यापार और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर शांति से बात करने को तैयार हैं।” उनकी यह टिप्पणी भारत द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद सामने आई है, जो कि पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को साफ दर्शाती है।
व्यापार पर लगा ताला, पाकिस्तान को बड़ा झटका
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले सीमित मात्रा में व्यापार होता था, लेकिन यह पाकिस्तान के लिए बेहद महत्वपूर्ण था।
2023-24 में: भारत ने पाकिस्तान को करीब 1.2 अरब डॉलर का माल निर्यात किया।
2024-25 (अप्रैल-जनवरी): भारत से पाकिस्तान को 448 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि पाकिस्तान से सिर्फ 0.42 मिलियन डॉलर का आयात हुआ।
भारत से पाकिस्तान को मुख्य रूप से दवाइयां, खाद्य पदार्थ, कृषि उत्पाद, केमिकल्स और कपड़ा सामग्रियां निर्यात होती थीं। प्रतिबंधों के चलते पाकिस्तान को न सिर्फ इन जरूरी सामानों की किल्लत हो गई है, बल्कि उसकी औद्योगिक और कृषि गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।
छुपा हुआ व्यापार भी बंद, 10 अरब डॉलर का नुकसान
जानकारों के मुताबिक, भारत की कई कंपनियां अन्य देशों के जरिए पाकिस्तान को सामान भेजती थीं। यह बैकडोर ट्रेड करीब 10 अरब डॉलर का था। भारत द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों से यह रास्ता भी बंद हो गया है, जिससे पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से और ज्यादा आर्थिक झटका लगा है।
दवाइयों की किल्लत बना सकती है मानव संकट
भारत से पाकिस्तान को जो मुख्य उत्पाद मिलते थे, उनमें दवाइयां भी शामिल हैं। यदि यह आपूर्ति लंबे समय तक बाधित रही, तो पाकिस्तान में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है। अस्पतालों और फार्मेसियों में जरूरी दवाइयों की अनुपलब्धता मरीजों की जान पर बन सकती है।
सिंधु नदी का जल रोका तो हिली पाकिस्तान की कृषि
भारत की ओर से सिंधु जल समझौता रद्द किए जाने का भी पाकिस्तान पर भारी असर पड़ा है।
- पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है।
- यह नदी देश के 93% सिंचित क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराती है।
- सिंचाई के अलावा, पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए भी यही जलस्रोत प्रमुख है।
- भारत द्वारा जल आपूर्ति सीमित कर दिए जाने से पाकिस्तान की कृषि, उद्योग और ऊर्जा क्षेत्र में भारी संकट उत्पन्न हो गया है।
मोदी की चेतावनी: गोली भी है और नीति भी
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की एक जनसभा में कहा, “रोटी खाओ, नहीं तो मेरी गोली है ही।” उनका यह बयान पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी था कि भारत अब आतंक और उकसावे के जवाब में सिर्फ बयानबाजी नहीं करेगा, बल्कि रणनीतिक और निर्णायक कदम भी उठाएगा।
पाकिस्तान पर भारत की नीति का असर साफ
भारत की ओर से उठाए गए सख्त कदमों का पाकिस्तान पर गहरा असर पड़ा है। आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान अब संवाद की गुहार लगा रहा है, लेकिन भारत की नीति अब पहले जैसी नहीं रही। भारत अब स्पष्ट कर चुका है कि शांति सिर्फ शब्दों से नहीं, कार्यों से साबित होती है। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता और विश्वास बहाली के ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक संबंधों में सुधार की गुंजाइश बेहद कम नजर आती है।