20 जून को भारतीय वायदा बाजार (MCX) में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। दोपहर 4:44 बजे तक एक किलो चांदी का भाव 106,501 रुपये रहा, जबकि दिन में इसका न्यूनतम स्तर 105,053 रुपये और अधिकतम 106,695 रुपये रहा। इसी तरह अगस्त फ्यूचर गोल्ड 99328 के पिछले बंद भाव की तुलना में 482 रुपये की गिरावट के साथ 98847 पर खुला। शाम 5:30 बजे तक यह और गिरकर 98,622 रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान सोने ने दिन का न्यूनतम स्तर 98,431 और अधिकतम 98,882 रुपये छुआ।
गिरावट के कारण
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आक्रामक (हॉकिश) मौद्रिक नीति के संकेतों के चलते सोने की कीमतों पर दबाव बना रहा। एमसीएक्स में सोना 500 से 750 रुपये की गिरावट के साथ ट्रेड करता रहा। फेड की सख्त ब्याज दर नीति से डॉलर मजबूत होता है, जिससे सोने में निवेश की मांग घटती है। इससे कीमतों में गिरावट देखी गई।
भू-राजनीतिक तनाव का असर
हालांकि मध्य-पूर्व में ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष ने सोने की गिरावट को सीमित किया। अनिश्चितताओं के बीच निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करते हैं और सोना हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है। ऐसे में भू-राजनीतिक संकट के चलते निवेशकों की रुचि बनी हुई है, जिससे सोने में बड़ी गिरावट नहीं आई।
आगे कीमतों का क्या रुख रहेगा?
त्रिवेदी का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत 97,500 रुपये से 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के अस्थिर दायरे में कारोबार कर सकती है। यदि अमेरिका ईरान-इज़राइल संघर्ष से दूरी बनाए रखता है या तनाव कम करने के संकेत देता है, तो सोने पर और दबाव बन सकता है। लेकिन वैश्विक अनिश्चितता बनी रही तो सोना सुरक्षित निवेश के रूप में स्थिर रह सकता है।