The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Tuesday, Dec 23, 2025
Facebook X-twitter Youtube Linkedin
  • About Us
  • Contact Us
Subscribe
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
    • रिन्यूएबल एनर्जी
    • नॉन रिन्यूएबल एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य
Font ResizerAa
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & InnovationThe Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य
Search
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
    • रिन्यूएबल एनर्जी
    • नॉन रिन्यूएबल एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2025 The Industrial Empire. All Rights Reserved.
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > ट्रेंडिंग खबरें > कोल्हापुरी चप्पल विवाद: लाखों का जूता बेचने वाली Prada ने कोल्हापुरी चप्पलों की चुराई डिज़ाइन
ट्रेंडिंग खबरें

कोल्हापुरी चप्पल विवाद: लाखों का जूता बेचने वाली Prada ने कोल्हापुरी चप्पलों की चुराई डिज़ाइन

Last updated: 05/07/2025 3:40 PM
By
Industrial Empire
Share
SHARE

भारत की पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी कोल्हापुरी चप्पल इन दिनों सुर्खियों में है। लेकिन इस बार वजह गर्व की नहीं बल्कि विवाद की है। मशहूर इटालियन लग्ज़री फैशन ब्रांड Prada पर महाराष्ट्र की पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पल की डिज़ाइन चुराने का गंभीर आरोप लगा है। बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है जिसमें प्राडा पर आरोप लगाया गया है कि उसने बिना अनुमति के भारत की GI-टैग प्राप्त कोल्हापुरी डिज़ाइन की नकल की है और इसका वैश्विक स्तर पर व्यावसायीकरण करने की तैयारी की है।

मिलान फैशन वीक में उठा विवाद
विवाद की शुरुआत 22 जून 2025 को मिलान फैशन वीक (Milano Fashion Week) में हुई, जब प्राडा ने अपने स्प्रिंग/समर 2026 मेन्सवेयर कलेक्शन में “टो रिंग सैंडल” नामक एक प्रोडक्ट पेश किया। इन सैंडल्स की कीमत लगभग 1.2 लाख रुपये (1,200 यूरो) बताई गई और ये डिज़ाइन में कोल्हापुरी चप्पलों से बेहद मिलती-जुलती थीं। सोशल मीडिया और फैशन समुदाय ने इसे “सांस्कृतिक चोरी” (Cultural Appropriation) करार दिया क्योंकि ना तो भारतीय शिल्पकारों को श्रेय दिया गया और ना ही कोई सहयोग या साझेदारी दर्शाई गई।

क्या है कोल्हापुरी चप्पल की खासियत?
कोल्हापुरी चप्पल केवल एक फुटवियर नहीं बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के खास जिलों की सांस्कृतिक और कारीगरी परंपरा का प्रतीक है। इसकी शुरुआत 12वीं सदी में कोल्हापुर में हुई थी और यह चप्पल पारंपरिक रूप से चम्भर (दलित) समुदाय के शिल्पकारों द्वारा बनाई जाती है। ये पूरी तरह हस्तनिर्मित होती हैं, जिनमें भैंस या बकरी के चमड़े का उपयोग कर वेजिटेबल डाई से टैनिंग की जाती है। एक जोड़ी चप्पल बनाने में करीब दो हफ्ते लगते हैं।

साल 2019 में कोल्हापुरी चप्पल को भारत सरकार ने GI टैग प्रदान किया, जो इसे विशेष भौगोलिक पहचान और अधिकार देता है। इस टैग के तहत केवल महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली, सातारा, सोलापुर और कर्नाटक के कुछ जिलों में बने प्रोडक्ट ही “कोल्हापुरी” कहला सकते हैं।

PIL में क्या मांग की गई है?
2 जुलाई 2025 को वकील गणेश एस. हिंगमीरे और पुणे के छह अन्य वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इस याचिका में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गई हैं:-

1 – प्राडा के ‘टो रिंग सैंडल’ के विपणन, बिक्री और निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जाए।
2 – प्राडा को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दिया जाए।
3 – कोल्हापुरी चप्पल के कारीगर समुदाय को मुआवजा दिया जाए।
4 – भारतीय GI टैग वाले प्रोडक्ट्स की सुरक्षा के लिए सरकारी नीति बनाई जाए।

याचिका में कहा गया है कि प्राडा ने कोल्हापुरी चप्पल की डिज़ाइन चुराकर न सिर्फ बौद्धिक संपदा अधिकारों का हनन किया, बल्कि कारीगरों की आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान को भी नुकसान पहुंचाया।

प्राडा ने क्या कहा?
प्राडा की ओर से कंपनी के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रमुख लोरेंजो बेर्टेली ने MACCIA (महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स) को पत्र लिखकर कहा कि डिज़ाइन भारतीय हस्तशिल्प से प्रेरित है, लेकिन यह अभी प्रारंभिक चरण में है और इसका व्यावसायिक लॉन्च नहीं हुआ है। हालांकि याचिकाकर्ताओं का कहना है कि प्राडा की यह सफाई सोशल मीडिया की आलोचना के बाद आई और यह एक सार्वजनिक बयान नहीं, बल्कि निजी संवाद था। इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

GI टैग और कानूनी पेचिदगियां
कानूनी जानकारों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि चूंकि प्राडा ने ‘कोल्हापुरी चप्पल’ शब्द का उपयोग नहीं किया है, इसलिए GI टैग के उल्लंघन को साबित करना कठिन हो सकता है। वकील अमीत नाइक के मुताबिक यह ‘पासिंग ऑफ’ का मामला बन सकता है लेकिन इसमें कानूनी चुनौती अधिक है। वहीं याचिकाकर्ता हिंगमीरे कहते हैं कि छोटे कारीगरों से यह उम्मीद करना कि वे करोड़ों की लागत वाले मुकदमों में वैश्विक ब्रांड से लड़ें, संभव नहीं है इसलिए PIL जरूरी है।

संस्कृति का सम्मान बनाम कॉर्पोरेट मुनाफा
कोल्हापुरी चप्पल विवाद सिर्फ एक डिज़ाइन की नकल का मामला नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक सम्मान, बौद्धिक अधिकार और कारीगरों की आजीविका का प्रश्न है। यह बहस भारत की पारंपरिक शिल्पकला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का भी अवसर बन सकती है, बशर्ते इसके असली रचनाकारों को उनका हक और श्रेय मिले।

TAGGED:GI-tagIndustrial EmpireKolhapuri slippersKolhapuri slippers controversyMilano Fashion WeekPrada
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article ग्रामीण मांग से बढ़ी FMCG कंपनियों की रफ्तार, दिखा बिक्री में सुधार
Next Article पच्चीस सालों बाद पाकिस्तान से माइक्रोसॉफ्ट की विदाई, समेटा अपना कामकाज
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

India industrial production slowdown October IIP data 13-month low”
ट्रेंडिंग खबरें

Industrial production में भारी सुस्ती: 13 महीनों की सबसे कमजोर रफ्तार, जानें किन कारणों ने लगाया ब्रेक

By
Industrial empire correspondent
CSIR–IITR Lucknow में अर्थ 2025 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन समारोह
अन्य

विज्ञान और सतत विकास का संगम: CSIR-IITR में ‘अर्थ 2025’ का भव्य उद्घाटन

By
Industrial empire correspondent
एग्रीकल्चर

लेमनग्रास की खेती के लिए इंजीनियर दंपत्ति ने एलएंडटी इन्फोटेक से छोड़ी नौकरी, खड़ा किया 30 लाख का ऑर्गेनिक कारोबार

By
Shashank Pathak
ऑटो/टेक

सीएम रेखा गुप्ता ने किया नए डीटीसी डिपो का उद्घाटन, दिल्ली को मिली इलेक्ट्रिक बसों की सौगात

By
Industrial Empire
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation
Facebook X-twitter Youtube Linkedin

Quick links

  • About Us
  • Contact Us
Categories
  • होम
  • ट्रेंडिंग खबरें
  • फर्श से अर्श तक
  • बिजनेस आईडिया
  • ऑटो/टेक
  • बैंकिंग
  • आईटी
  • टेलिकॉम
  • एनर्जी
  • फूड प्रोसेसिंग
  • एग्रीकल्चर
  • फार्मा
  • अन्य

Policies

  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions

Copyright © 2025 The Industial Empire. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?