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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > एग्रीकल्चर > UP में किसानों के लिए नई पहल: ‘पराली दो, खाद लो’ योजना से खेत और पर्यावरण दोनों होंगे खुशहाल
एग्रीकल्चर

UP में किसानों के लिए नई पहल: ‘पराली दो, खाद लो’ योजना से खेत और पर्यावरण दोनों होंगे खुशहाल

Shashank Pathak
Last updated: 01/11/2025 4:23 PM
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Shashank Pathak
ByShashank Pathak
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UP Government Parali Exchange Program – Farmers getting free organic manure in Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए ‘पराली दो, खाद लो’ अभियान – अब पराली के बदले मिलेगी मुफ्त जैविक खाद।
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उत्तर प्रदेश (UP) सरकार ने किसानों और पर्यावरण दोनों के हित में एक अनोखी योजना की शुरुआत की है – “पराली दो, खाद लो’ अभियान। इस योजना का उद्देश्य पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकना और किसानों को मुफ्त जैविक खाद उपलब्ध कराना है। इसे ‘पराली एक्सचेंज प्रोग्राम’ (Stubble Exchange Program) भी कहा जा रहा है, जो खेती के पारंपरिक ढर्रे में एक नया परिवर्तन ला सकता है।

पराली जलाने से राहत की उम्मीद
हर साल फसल कटाई के बाद किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या पूरे उत्तर भारत के लिए बड़ी चिंता बन जाती है। इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी कम होती है। यूपी सरकार की यह पहल इस समस्या का स्थायी समाधान पेश करती है। अब किसान अपनी पराली जलाने की बजाय उसे नजदीकी गोशालाओं या सरकारी केंद्रों पर जमा कर सकेंगे और बदले में उन्हें गोबर से बनी जैविक खाद (organic manure) मुफ्त दी जाएगी।

दोहरा फायदा: पर्यावरण भी बचेगा, लागत भी घटेगी
इस योजना के जरिए किसानों को दोहरा फायदा होगा – एक ओर उन्हें मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाली खाद मिलेगी, जिससे उनकी खेती की लागत घटेगी, और दूसरी ओर प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस जैविक खाद से मिट्टी की कार्बन मात्रा और उर्वरता में बढ़ोतरी होगी, जिससे फसलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होगी।

कृषि विभाग की अपील: “पराली ना जलाएं, धरती बचाएं”
यूपी कृषि विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें। विभाग ने लिखा – “किसान भाइयों, पराली ना जलाएं। फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों का उपयोग करें और अवशेष को मिट्टी में मिलाकर मृदा स्वास्थ्य संरक्षित करें। पराली को पशु चारे के रूप में इस्तेमाल करें या गौशाला में दान दें और बदले में जैविक खाद प्राप्त करें।”

पराली जलाने पर जुर्माना भी लागू
सिर्फ प्रेरणा ही नहीं, सरकार ने कड़ी चेतावनी भी दी है। पराली जलाने वालों पर अब जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
2 एकड़ तक की जमीन पर: ₹2,500 जुर्माना
2 से 5 एकड़ पर: ₹5,000 जुर्माना
5 एकड़ से अधिक पर: ₹15,000 जुर्माना प्रति घटना
अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। “जब पोषक तत्व धुएं में उड़ जाएंगे, तब अच्छी खेती कैसे होगी?”

कैसे मिलेगा किसानों को लाभ
‘पराली दो, खाद लो’ योजना को कृषि विभाग और ग्राम्य विकास विभाग मिलकर लागू कर रहे हैं। किसानों को अपनी पराली पास की गोशालाओं या पंचायत केंद्रों में जमा करनी होगी। वहीं, गोशालाओं में एकत्र की गई पराली से कम्पोस्ट या गोबर खाद तैयार की जाएगी, जिसे किसानों को मुफ्त में वापस दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में स्थानीय पंचायतें और किसान समितियां भी शामिल होंगी, ताकि हर गांव में योजना का सही क्रियान्वयन हो सके।

डिकम्पोजर से मिट्टी में बढ़ेगी जान
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि पराली को मिट्टी में मिलाने के लिए किसान डिकम्पोजर (Decomposer) का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे फसल अवशेष जल्दी गल जाते हैं और मिट्टी में कार्बन और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। यह तकनीक खेतों की उर्वरता बनाए रखने में मदद करती है।

पर्यावरण बचाने की दिशा में बड़ा कदम
यूपी सरकार का यह अभियान सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए राहत लेकर आया है। यह योजना खेती को सतत (Sustainable) बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। पराली से खाद बनाने की यह प्रक्रिया आने वाले समय में ग्रीन एनर्जी और ऑर्गेनिक फार्मिंग के क्षेत्र में भारत को नई पहचान दिला सकती है।

‘पराली एक्सचेंज प्रोग्राम’ किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। इससे न सिर्फ खेतों की सेहत सुधरेगी, बल्कि वायु प्रदूषण पर भी नियंत्रण मिलेगा। बशर्ते इस बात का व्यापक प्रचार प्रसार होना चाहिए कि सरकार किसानों को पराली देने पर उसके बदले खाद दे रही है। उत्तर प्रदेश की यह पहल अगर सफल रही, तो यह देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल प्रोजेक्ट बन सकती है।

TAGGED:AgricultureFarmers WelfareIndustrial EmpireParali BurningPollution ControlUP AgricultureUP Government SchemeUP News
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