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The Industrial Empire - उद्योग, व्यापार और नवाचार की दुनिया | The World of Industry, Business & Innovation > ट्रेंडिंग खबरें > Electricity News: यूपी में बिजली उपभोक्ताओं को राहत, नहीं बढ़ेंगे इस साल बिजली के दाम
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Electricity News: यूपी में बिजली उपभोक्ताओं को राहत, नहीं बढ़ेंगे इस साल बिजली के दाम

Shashank Pathak
Last updated: 25/11/2025 1:13 PM
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Shashank Pathak
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा छठे साल भी बिजली दर न बढ़ाने का फैसला
छठे साल भी यूपी में बिजली दरें जस की तस, योगी सरकार का बड़ा निर्णय |
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Electricity News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महंगाई से जूझ रहे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए इस साल भी बिजली के दाम न बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार के इस निर्णय के बाद लगातार छठे साल राज्य में बिजली की दरें जस की तस बनी रहेंगी। ऐसे समय में जब महंगाई आम आदमी की जेब पर दबाव बढ़ा रही है, बिजली के बिल में कोई इजाफा न होना उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है।

छठे साल भी नहीं बढ़े टैरिफ
सरकार के फैसले के बाद बिजली उपभोक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि लगातार छठे साल उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें न बढ़कर वही बनी हुई हैं। इस उपलब्धि के साथ यूपी देश का पहला राज्य बन गया है जिसने इतने लंबे समय तक बिजली टैरिफ को स्थिर रखा है।

अवधेश वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद की लंबे समय से चल रही लड़ाई आखिरकार रंग लाई है। उन्होंने दावा किया कि बिजली दरों में 45 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव था, लेकिन पॉवर कॉर्पोरेशन की यह कोशिश सरकार ने खारिज कर दी। उनके अनुसार, न्याय और उपभोक्ता हित में लिया गया यह निर्णय लाखों परिवारों को सीधे राहत देने वाला है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार को धन्यवाद दिया।

महंगाई के समय बड़ी राहत
बिजली दरें न बढ़ाने का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब महंगाई लगातार बढ़ रही है और घरेलू बजट पर चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। कई राज्यों में बिजली कंपनियां लागत बढ़ने का हवाला देकर टैरिफ बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन यूपी सरकार ने उपभोक्ताओं का पक्ष लेते हुए इसका विरोध किया और बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, यूपी में बिजली कंपनियों ने इस साल भी दरों में इजाफे का प्रस्ताव भेजा था। आर्थिक दबाव, बढ़ती लागत और तकनीकी व्यय का हवाला दिया गया, लेकिन सरकार ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। इसके बाद यह तय हुआ कि वित्त वर्ष 2024–25 में भी यूपी में बिजली की दरें बिना किसी बदलाव के बरकरार रहेंगी।

उपभोक्ताओं में खुशी की लहर
हालांकि बिजली दरें स्थिर रहने के फैसले का स्वागत हो रहा है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ और विपक्षी दल इससे पूरी तरह सहमत नहीं हैं। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि टैरिफ स्थिर रखना सराहनीय कदम है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं की मूल समस्या हल नहीं होती।

उन्होंने कहा कि यूपी में लाखों उपभोक्ता बिजली दरों से नहीं, बल्कि स्मार्ट मीटर की गड़बड़ियों से परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं के बिल अचानक कई गुना बढ़ गए हैं और मीटर तेज़ी से चलने की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इसके बावजूद न तो सुनवाई हो रही है और न ही समस्याओं का समाधान।

सुनील सिंह ने कहा कि बिजली दरें न बढ़ाना तभी सार्थक है जब उपभोक्ताओं को सही और वास्तविक बिल मिलें। उन्होंने मांग की कि स्मार्ट मीटरों की कार्यप्रणाली पर प्रदेश-स्तरीय स्वतंत्र तकनीकी ऑडिट कराया जाए, ताकि यह तय किया जा सके कि मीटर सही चल रहे हैं या नहीं।

बिजली दर नहीं, उपभोक्ता को चाहिए बिल की गारंटी
लोकदल नेता ने साफ कहा कि आज जनता की समस्या बिजली के दाम नहीं, बल्कि बिल की विश्वसनीयता है। लोगों को बढ़ी हुई यूनिटों, गलत रीडिंग और तेजी से चल रहे मीटरों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में केवल टैरिफ स्थिर रखना काफी नहीं है, बल्कि सुनिश्चित करना होगा कि हर उपभोक्ता को सही बिल मिले और उसकी शिकायतें समय पर सुनी जाएं। उन्होंने सरकार से कहा कि असली राहत इस बात में होगी कि उपभोक्ता जब बिल हाथ में लें तो उन्हें विश्वास हो कि वह सही है।

यूपी में बिजली बिल बढ़ने से राहत
निस्संदेह, यूपी सरकार का यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है। लगातार छठे साल बिजली के दाम न बढ़ना यह संकेत देता है कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं को बिना अतिरिक्त बोझ दिए आर्थिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है। हालांकि, स्मार्ट मीटर से जुड़ी शिकायतें और बिलों की विश्वसनीयता अभी भी चुनौती बनी हुई है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों को कैसे हल करती है, ताकि बिजली दर स्थिर रहने के साथ–साथ उपभोक्ताओं का भरोसा भी मजबूत हो सके।

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