Silver Price: भारत के बुलियन बाजार में आज का दिन ऐतिहासिक रहा। चांदी की कीमतों ने वह स्तर छू लिया, जिसे कई विशेषज्ञ आने वाले महीनों में भी नहीं देख पा रहे थे- पहली बार चांदी 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई। यह तेजी केवल घरेलू बाजार का असर नहीं, बल्कि वैश्विक मांग में लगातार बढ़ोतरी और इंडस्ट्रियल सेक्टर की मजबूत पकड़ इसका बड़ा कारण है।
सुबह के कारोबार में चांदी हल्की कमजोरी के साथ खुली थी, लेकिन दिन बढ़ते-बढ़ते इसने जोरदार रैली पकड़ ली। एमसीएक्स पर चांदी ने 200,362 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इससे पहले बीते सत्र में इसका क्लोजिंग 1,98,942 रुपये था। यानी महज कुछ घंटों में चांदी ने हजारों रुपये की छलांग लगा दी। 3 बजे के आसपास यह 1,99,978 रुपये पर ट्रेड कर रही थी, जो 0.52% की बढ़त दर्शाती है।
वैश्विक बाजार में भी रौनक – चांदी ने माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ा
ये तेजी सिर्फ भारत तक सीमित नहीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी इतिहास रच रही है। गुरुवार को चांदी पहली बार 64 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई। इस उछाल की वजह से चांदी ने मार्केट कैप के मामले में माइक्रोसॉफ्ट को भी पीछे छोड़ दिया और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी एसेट बनकर उभरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़त सिर्फ निवेश से नहीं, बल्कि वैश्विक इंडस्ट्रियल डिमांड से संचालित है। आज चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में जिस गति से बढ़ रहा है, उसने इसकी खपत को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया है। ग्रीन एनर्जी की ओर दुनिया का झुकाव और EV रिवॉल्यूशन चांदी की कीमतों में लगातार मजबूती ला रहे हैं। यही वजह है कि इस साल चांदी में 121% का जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है।
सोने ने भी दिखाई मजबूती – क़ीमतों में बड़ी छलांग
चांदी की रैली के बीच सोना भी पीछे नहीं रहा। महंगाई, अंतरराष्ट्रीय बाजार की अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने को भी ऊपर धकेला। एमसीएक्स पर 5 फरवरी डिलीवरी वाला सोना करीब 2000 रुपये उछलकर 1,34,111 रुपये प्रति 10 ग्राम तक चला गया। पिछले सत्र में यह 1,32,469 रुपये पर बंद हुआ था और आज सुबह 1,32,442 रुपये पर खुला था।
दोपहर 3.10 बजे के आसपास सोना 1,33,750 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जो 1,281 रुपये की बढ़त दर्शाता है। यह तेजी साफ दिखाती है कि सोने में निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है। भले ही चांदी रफ्तार में आगे निकल रही हो, लेकिन सोना आज भी सुरक्षित निवेश (Safe Haven) की पहली पसंद बना हुआ है।
क्यों बढ़ रही है दोनों धातुओं में गर्मी?
चांदी और सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
- मज़बूत इंडस्ट्रियल डिमांड: EV, सोलर तकनीक और चिप्स में चांदी की बढ़ती खपत।
- ग्लोबल अनिश्चितता: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतार-चढ़ाव से सोने की मांग बढ़ रही।
- डॉलर की कमजोरी: डॉलर इंडेक्स में गिरावट ने भी कीमती धातुओं को सपोर्ट दिया।
- सेफ-हेवन की मांग: निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
आगे क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि इंडस्ट्रियल और इन्वेस्टमेंट डिमांड इसी गति से बढ़ती रही, तो चांदी आने वाले हफ्तों में और नए रिकॉर्ड बना सकती है। वहीं सोने की कीमतें भी 2025 की शुरुआत में नए हाई छू सकती हैं। कुल मिलाकर, बुलियन मार्केट में हलचल तेज है और निवेशकों की नजरें अब अगले बड़े मूव पर टिकी हुई हैं। चांदी की चमक और सोने की स्थिर मजबूती दोनों ही आने वाले महीनों में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं।