Trump Tariffs: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक बार फिर तल्खी देखने को मिल रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ को लेकर अब अमेरिकी राजनीति के भीतर से ही सवाल उठने लगे हैं। अमेरिकी कांग्रेस की भारतीय मूल की सदस्य प्रमिला जयपाल ने इन टैरिफ्स की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इससे न सिर्फ भारत-अमेरिका संबंध कमजोर हो रहे हैं, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जयपाल का कहना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति भारत को अमेरिका से दूर कर रही है और उसे रूस व चीन जैसी वैश्विक शक्तियों के और करीब धकेल रही है, जो अमेरिका के रणनीतिक हितों के खिलाफ है।
टैरिफ से महंगाई बढ़ी, अमेरिका हुआ कमजोर
प्रमिला जयपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ का असर सीधे अमेरिकी आम लोगों पर पड़ रहा है। उन्होंने लिखा कि इन शुल्कों के कारण अमेरिका में कई जरूरी सामान महंगे हो गए हैं। जयपाल के मुताबिक, “ट्रंप के भारत पर लगाए गए टैरिफ सिर्फ कीमतें ही नहीं बढ़ा रहे, बल्कि भारत को एक भरोसेमंद व्यापारिक साझेदार के रूप में हमसे दूर भी कर रहे हैं। इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है और वैश्विक स्तर पर हमारी सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है।” गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत के कई उत्पादों पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगा रखा है, जिसे अब तक कम नहीं किया गया है।
पड़ोसी देशों को राहत, भारत पर सख्ती
एक संसदीय सुनवाई के दौरान प्रमिला जयपाल ने इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाया। उन्होंने रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ समीर लालवानी से सवाल करते हुए पूछा कि भारत पर भारी टैरिफ लगाए जाने का मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक असर क्या हो सकता है। जयपाल ने कहा कि भारत को कैसा महसूस होगा जब उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश को अमेरिका की ओर से भारत की तुलना में कम टैरिफ दरें दी गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इससे भारत में यह धारणा नहीं बनेगी कि अमेरिका अब एक भरोसेमंद साझेदार नहीं रहा।
BRICS और SCO की ओर झुक सकता है भारत?
जयपाल ने यह भी सवाल किया कि अमेरिका की सख्त व्यापार नीति का असर भारत के BRICS और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों के साथ रिश्तों पर क्या पड़ेगा। उनका मानना है कि अगर अमेरिका इसी तरह भारत पर दबाव बनाए रखता है, तो भारत वैकल्पिक वैश्विक साझेदारों की ओर रुख कर सकता है। इस सवाल के जवाब में समीर लालवानी ने कहा कि ये टैरिफ भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं और इससे अमेरिका का रणनीतिक उद्देश्य ही कमजोर हो सकता है।
भारत के निर्यात पर पड़ा सीधा असर
विशेषज्ञों के अनुसार, अगस्त के बाद से ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति ने भारत से अमेरिका जाने वाले कई उत्पादों को महंगा बना दिया है। इसमें कपड़े, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा उत्पाद और समुद्री खाद्य पदार्थ शामिल हैं। कुछ मामलों में टैरिफ 50 फीसदी तक पहुंच गया है, जिससे भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता कमजोर हो रही है। उद्योग संगठनों का कहना है कि इससे अमेरिका को भारत का निर्यात तेजी से घट सकता है।
नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। ऐसे में निर्यात घटने का सीधा असर भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर पड़ सकता है। कपड़ा, चमड़ा और हस्तशिल्प जैसे सेक्टर में लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी जुड़ी है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो भारत में रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं और छोटे निर्यातक सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
टैरिफ से दोनों देशों को नुकसान
प्रमिला जयपाल की आलोचना ने साफ कर दिया है कि ट्रंप की टैरिफ नीति को अमेरिका के भीतर भी समर्थन नहीं मिल रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदम भारत-अमेरिका रिश्तों को कमजोर कर सकते हैं और वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी असर डाल सकते हैं। कुल मिलाकर, भारत पर लगाए गए टैरिफ न तो अमेरिका के आर्थिक हितों की रक्षा कर पा रहे हैं और न ही उसकी रणनीतिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं।