वोडाफोन आइडिया के बाद अब भारती एयरटेल ने भी अपने स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में बदलने के लिए सरकार से अनुरोध किया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब कुछ सप्ताह पहले सरकार ने वित्तीय संकट का सामना कर रही वोडाफोन आइडिया (वी) के 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके परिणामस्वरूप, वी में सरकार की हिस्सेदारी 22.6 फीसदी से बढ़कर 48.9 फीसदी हो गई है।
अब एयरटेल भी इसी रास्ते पर चलने की तैयारी कर रहा है, जिससे कंपनी को वित्तीय राहत मिल सके और स्पेक्ट्रम बकाया का भार कम हो। यदि सरकार एयरटेल के अनुरोध को स्वीकार करती है, तो यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। इस कदम से एयरटेल को अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सकती है।
दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “साल 2021 के दूरसंचार सुधार पैकेज की शर्तों के तहत, सरकार द्वारा दी गई मोहलत का लाभ उठाने वाले सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को अपने स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में बदलने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है। अब वोडाफोन आइडिया और एयरटेल दोनों ने इस सुविधा का उपयोग करने के लिए आवेदन किया है। उनके अनुरोधों पर विचार किया जाएगा।”
अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया से ऑपरेटरों को वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे उन्हें अपने बकायों को चुकाने में सहूलत होगी। सरकार द्वारा इस कदम को मंजूरी देने से दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है और कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए जरूरी संसाधन मिल सकते हैं।
सरकार ने पिछली नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए निर्धारित बकाये के वार्षिक भुगतान को चार साल के लिए टालने का निर्णय लिया था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने वित्तीय संकट का सामना कर रही दूरसंचार कंपनियों को बकाये के एक हिस्से को इक्विटी में बदलने का भी विकल्प प्रदान किया था।
इस कदम का उद्देश्य कंपनियों को वित्तीय राहत देना था, ताकि वे अपनी कार्यशीलता को बनाए रख सकें और स्पेक्ट्रम की किस्तों के भुगतान में आसानी हो। इस फैसले से कंपनियों को अपने संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करने का मौका मिलेगा और वे संकट के दौर में कुछ राहत महसूस कर सकेंगी।