Auto sector 2025: साल 2025 भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ है। यह वह साल रहा जब भारतीय बाजार ने तकनीक, नीतियों और उपभोक्ता व्यवहार – तीनों मोर्चों पर बड़ा परिवर्तन देखा। इलेक्ट्रिक वाहनों की तेज़ी से बढ़ती मांग, जीएसटी 2.0 सुधार और कंपनियों की नई रणनीतियों ने पूरे सेक्टर का नक्शा बदल दिया है।
GST 2.0 से छोटे वाहनों को मिली राहत
2025 में लागू हुआ GST 2.0 ऑटो सेक्टर के लिए सबसे बड़ा बदलाव साबित हुआ। सरकार ने छोटे और किफायती वाहनों पर टैक्स 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया। इसका सीधा असर मिडिल क्लास और पहली बार कार खरीदने वालों पर पड़ा। छोटे शहरों और कस्बों में छोटी कारों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया।
वहीं, लग्जरी कारों और 350 सीसी से ऊपर की प्रीमियम बाइक्स पर टैक्स 40 फीसदी तय किया गया। इस स्पष्ट टैक्स ढांचे से बाजार में पारदर्शिता आई, डीलर्स ने उत्सव सीजन में आकर्षक ऑफर्स निकाले, जिससे बाजार में रौनक लौट आई।
वाहन बिक्री में रिकॉर्ड बढ़त
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में भारत के ऑटो रिटेल मार्केट में 3.42% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। कुल रजिस्ट्रेशन 1.23 करोड़ से अधिक रहे। सबसे ज्यादा हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की रही – 88.37 लाख यूनिट्स, यानी कुल बिक्री का लगभग 71 प्रतिशत हिस्सा।
ग्रामीण बाजार में सुधार, आसान लोन और सस्ती बाइक्स की बढ़ती मांग ने इस ग्रोथ को मजबूत किया। पैसेंजर वाहनों की बिक्री भी 3.67% बढ़कर 19.50 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई, जिसमें SUV और क्रॉसओवर गाड़ियों का योगदान प्रमुख रहा। ट्रैक्टर सेगमेंट में भी बंपर ग्रोथ देखी गई – 4.48 लाख यूनिट्स, जबकि तीन पहिया और कमर्शियल वाहनों की बिक्री में क्रमशः 3.86% और 2.56% की बढ़त दर्ज हुई।
टाटा मोटर्स का शानदार प्रदर्शन
2025 में Tata Motors ने एक बार फिर भारतीय बाजार में अपना दबदबा साबित किया। सितंबर में कंपनी ने 60,907 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के मुकाबले 47 फीसदी ज्यादा रही। इस प्रदर्शन के दम पर टाटा ने हुंडई को पीछे छोड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बनने का गौरव हासिल किया। Tata Nexon SUV ने इस सफलता में सबसे अहम भूमिका निभाई। कंपनी के इलेक्ट्रिक और पेट्रोल दोनों वेरिएंट्स की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया।
इलेक्ट्रिक वाहनों का साल रहा 2025
2025 को भारत में EV रेवोल्यूशन का साल भी कहा जा सकता है। जीएसटी में राहत (सिर्फ 5%) और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। Tata, Mahindra, MG और BYD जैसी बड़ी कंपनियों ने मिड-रेंज और बजट सेगमेंट में EV लॉन्च किए। वहीं, Ultraviolette, Oben और Ola Electric जैसे स्टार्टअप्स ने शहरों में छोटे EV और स्मार्ट स्कूटर पेश कर युवा उपभोक्ताओं को आकर्षित किया। कम मेंटेनेंस कॉस्ट, सस्ती चार्जिंग और पर्यावरणीय लाभ ने लोगों को ईवी अपनाने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, बैटरी उत्पादन और चार्जिंग नेटवर्क अब भी चुनौती बने हुए हैं।
Tesla की धमाकेदार एंट्री
जुलाई 2025 भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास का एक खास महीना रह – क्योंकि Tesla ने आखिरकार भारत में आधिकारिक एंट्री कर ली। कंपनी ने मुंबई के Bandra Kurla Complex में अपना पहला शोरूम और सर्विस सेंटर खोला। Tesla ने अपनी Model Y को लगभग ₹60 लाख की एक्स-शोरूम कीमत पर लॉन्च किया, जो प्रीमियम इलेक्ट्रिक सेगमेंट में आती है। हालांकि, आयात शुल्क और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अब भी कंपनी के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं। फिर भी, टेस्ला की मौजूदगी ने भारतीय EV बाजार को एक नई दिशा दी है, जिससे प्रतिस्पर्धा और नवाचार दोनों में तेजी आने की उम्मीद है।
तकनीक और स्थिरता की दिशा में कदम
2025 ने यह साबित कर दिया कि भारतीय ऑटो सेक्टर अब केवल वाहन निर्माण तक सीमित नहीं रहा। अब यह उद्योग टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी की ओर बढ़ चुका है। सरकार की नई EV नीति, PLI स्कीम और ग्रीन मोबिलिटी निवेश ने कंपनियों को बैटरी निर्माण और स्मार्ट कनेक्टेड कारों पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है। अनुमान है कि अगले दशक में भारत में EV की हिस्सेदारी 15% से अधिक हो जाएगी।
नया युग, नई दिशा
साल 2025 ने भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए एक नई सुबह की शुरुआत की है। GST सुधारों, घरेलू मांग में उछाल, तकनीकी नवाचार और विदेशी निवेश ने इस उद्योग को मजबूती दी है। भारत अब न केवल वाहनों का बड़ा उपभोक्ता बाजार है, बल्कि वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माण और नवाचार केंद्र बनने की राह पर है। आने वाले वर्षों में, भारत की सड़कों पर तकनीक, स्थिरता और स्मार्ट मोबिलिटी का नया युग दिखाई देगा।