Bharat taxi: नए साल की शुरुआत के साथ ही भारत के कैब और ऑटो सेक्टर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है। 1 जनवरी 2026 से “भारत टैक्सी” नाम का नया राइड-हेलिंग ऐप लॉन्च होने जा रहा है, जिसे सरकारी समर्थन प्राप्त है। इस ऐप को Ola-Uber जैसे निजी प्लेटफॉर्म्स के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। खास बात यह है कि यह ऐप सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि ड्राइवर्स के लिए भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
भारत टैक्सी ऐप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आम लोगों को सस्ती, भरोसेमंद और पारदर्शी यात्रा सुविधा मिल सके। इस प्लेटफॉर्म पर ऑटो-रिक्शा, कार और बाइक टैक्सी जैसी सेवाएं उपलब्ध होंगी। यानी यूजर अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से आसानी से राइड चुन सकेगा। सरकार का उद्देश्य साफ है-ट्रांसपोर्ट सेक्टर में निजी कंपनियों की मनमानी को कम करना और एक संतुलित विकल्प देना।
इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पीक ऑवर्स में किराया बढ़ाने की सर्ज प्राइसिंग नहीं होगी। अभी ओला और उबर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बारिश, ट्रैफिक या ज्यादा डिमांड के समय किराया अचानक दो से तीन गुना तक बढ़ जाता है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है। भारत टैक्सी में किराया स्थिर रखने की कोशिश की जाएगी, ताकि आम लोग बिना डर के यात्रा कर सकें।
ड्राइवर्स के लिए भी यह ऐप किसी राहत से कम नहीं है। भारत टैक्सी प्लेटफॉर्म पर ड्राइवर को कुल किराए का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा मिलेगा। मौजूदा निजी ऐप्स में कमीशन काफी ज्यादा कटता है, जिससे ड्राइवर्स की असली कमाई बहुत कम रह जाती है। यही वजह है कि लॉन्च से पहले ही इस ऐप को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और दिल्ली में करीब 56,000 ड्राइवर्स पहले से रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
सेफ्टी और भरोसे के मामले में भी भारत टैक्सी कोई समझौता नहीं करेगा। ऐप में रियल-टाइम व्हीकल ट्रैकिंग की सुविधा होगी, जिससे यात्री अपनी राइड को लाइव ट्रैक कर सकेंगे। केवल वेरिफाइड ड्राइवर्स को ही प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा और किसी भी समस्या के लिए 24×7 कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध रहेगा। इसके अलावा, ऐप कई भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करेगा, जिससे देश के अलग-अलग हिस्सों में इसका इस्तेमाल आसान हो जाएगा।
भारत टैक्सी को खास बनाता है इसका कोऑपरेटिव मॉडल। यह देश का पहला राष्ट्रीय सहकारी राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन ने मिलकर तैयार किया है। इस मॉडल में ड्राइवर सिर्फ सेवा देने वाले नहीं, बल्कि सह-मालिक भी होंगे। इसके लिए सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड के साथ पहले ही एमओयू साइन किया जा चुका है। इससे ड्राइवर्स की भागीदारी और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेगी।
सरकारी सपोर्ट के कारण भारत टैक्सी प्लेटफॉर्म में पारदर्शिता और मजबूत रेगुलेशन देखने को मिलेगा। निजी कैब कंपनियों पर लंबे समय से मनमानी किराया नीति, सर्ज प्राइसिंग और ड्राइवर शोषण जैसे आरोप लगते रहे हैं, जिससे यात्रियों और ड्राइवर्स दोनों को परेशानी हुई है। ऐसे में भारत टैक्सी से उम्मीद की जा रही है कि यह कैब सेक्टर में संतुलन, भरोसा और एक निष्पक्ष व्यवस्था स्थापित करेगा, जहां सभी के हित सुरक्षित रहेंगे।
फिलहाल, भारत टैक्सी की शुरुआत दिल्ली से की जा रही है, लेकिन आने वाले समय में इसे अन्य बड़े शहरों और राज्यों में भी लॉन्च किया जा सकता है। अगर यह मॉडल सफल रहता है, तो कैब मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, यात्रियों को सस्ती सवारी मिलेगी और ड्राइवर्स की आमदनी भी बेहतर होगी।
कुल मिलाकर, भारत टैक्सी ऐप न सिर्फ एक नया ट्रैवल ऑप्शन है, बल्कि यह कैब इंडस्ट्री में सिस्टम बदलने की एक कोशिश भी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यह सरकारी समर्थित प्लेटफॉर्म ओला और उबर जैसी दिग्गज कंपनियों को कितनी कड़ी टक्कर दे पाता है।