BY- NISHA MANDAL
भारत की रक्षा रणनीति को नई दिशा
भारत की सुरक्षा नीति अब पहले से कहीं अधिक आक्रामक और आत्मनिर्भर होती जा रही है। इसी कड़ी में एक बड़ा फैसला लिया गया है जिसमें देश हर साल 100 ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण करेगा। यह घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो भारत की सैन्य क्षमताओं को विश्वस्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
यह निर्णय न केवल भारत की सैन्य तैयारी को बढ़ाएगा, बल्कि दुश्मन देशों को भी एक स्पष्ट संदेश देगा कि भारत अब किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है।
ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है। यह मिसाइल 290 से 450 किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना साध सकती है। इसकी गति और सटीकता इसे दुश्मन के ठिकानों को बिना देर किए ध्वस्त करने में सक्षम बनाती है। अब जब इसका वार्षिक उत्पादन 100 यूनिट तक बढ़ाया जा रहा है, तो यह भारत की रणनीतिक शक्ति को कई गुना बढ़ा देगा।
ऑपरेशन सिंदूर, रणनीतिक संकेत
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने देश की सुरक्षा नीति में नई ऊर्जा भर दी है। इसका असर न केवल सीमावर्ती इलाकों में देखने को मिला, बल्कि पाकिस्तान के रावलपिंडी जैसे सैन्य ठिकानों तक इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव पहुंचा। ऐसे समय में ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन बढ़ाने का फैसला भारत की आक्रामक कूटनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में
इस फैसले से भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी बल मिलेगा। ब्रह्मोस का निर्माण भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से हुआ है, लेकिन अब इसका उत्पादन बड़े स्तर पर स्वदेशी रूप से किया जाएगा। इससे घरेलू उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और भारत रक्षा उपकरणों का निर्यातक देश बन सकेगा।