भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भारत के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वैश्विक बाज़ारों में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में बेहद अहम कदम हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भारत समय पर और रणनीतिक ढंग से द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को अंजाम देता है, तो इससे देश के निर्यात में जबरदस्त उछाल आएगा और निवेश का रास्ता भी साफ होगा।
CII अध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत कई देशों के साथ FTA वार्ताओं में जुटा हुआ है, जिनमें यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। उनका मानना है कि इन समझौतों के ज़रिये भारतीय उत्पादों और सेवाओं को न केवल कम शुल्क पर बाजार मिलेंगे, बल्कि तकनीकी सहयोग, नवाचार और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में भी नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इन समझौतों को शीघ्रता से अंतिम रूप दे और उद्योगों को इनसे अधिकतम लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन दे।
सीआईआई अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा बहुत तीव्र है, और ऐसे में भारतीय उद्योगों को विश्वस्तरीय अवसर उपलब्ध कराने के लिए FTA जैसी रणनीतियों की आवश्यकता है। उनका कहना था कि मुक्त व्यापार समझौते केवल व्यापार को बढ़ाने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे विदेश नीति, निवेश आकर्षण और आर्थिक विकास की लंबी योजना का भी हिस्सा हैं।
सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को भी FTA के माध्यम से वैश्विक विस्तार मिलेगा। यदि भारत इन समझौतों को सटीक ढंग से लागू करता है, तो इससे छोटे और मझोले उद्योगों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पैर जमाने का मौका मिलेगा। यह भारत के निर्यात-आधारित विकास मॉडल को मजबूती देगा।
इस बयान से स्पष्ट है कि भारतीय उद्योग जगत FTA को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। अब ज़रूरत इस बात की है कि सरकार और उद्योग मिलकर इस दिशा में ठोस प्रयास करें ताकि भारत वैश्विक व्यापार में एक मजबूत खिलाड़ी बन सके।