भारत के कोयला मंत्रालय ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उसे अब तक कुल 200 कोयला खदानों का आवंटन मिल चुका है। यह न सिर्फ एक आंकड़ा है बल्कि भारत के कोयला क्षेत्र में बदलाव और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। हाल ही में मंत्रालय ने सिंघल बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड को मरवाटोला-II कोयला ब्लॉक का आवंटन दिया है जो इस ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक बन गया है।
इस उपलब्धि के पीछे मंत्रालय का स्पष्ट उद्देश्य है – कोयला उत्पादन को बढ़ाना, निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा देना और देश को कोयले के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना। अब तक जिन ब्लॉकों का आवंटन हुआ है, वे भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मज़बूती देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। इस प्रयास से कोयले के आयात पर निर्भरता घटेगी और देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
नामित प्राधिकरण ने इस मौके पर कोयला उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों का धन्यवाद किया है, जिनके सहयोग और विश्वास से यह सफलता संभव हो पाई है। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि वह निवेश के लिए बेहतर माहौल बनाए रखेगा, अनावश्यक प्रक्रियाओं को सरल करेगा और ब्लॉकों के संचालन को तेज गति देगा।
इस यात्रा में मंत्रालय ने कई बड़े सुधार भी किए हैं। वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत, एकल-खिड़की निकासी प्रणाली (Single Window Clearance), डिजिटल निगरानी और आधुनिक शासन प्रणाली को अपनाकर मंत्रालय ने इस क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई है। इससे निजी कंपनियों को निवेश और संचालन के नए अवसर मिल रहे हैं।
यह उपलब्धि न केवल अर्थव्यवस्था को गति देती है बल्कि भारत को रणनीतिक रूप से भी मज़बूत बनाती है। अब भारत एक ऐसे कोयला इकोसिस्टम की ओर बढ़ रहा है जो लचीला, पारदर्शी और भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार है। यह एक ऐसा कदम है जो देश को सिर्फ ऊर्जा के क्षेत्र में ही नहीं आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन को भी प्रभावित करेगा।