Electricity Bill: भारत सरकार अब बिजली के बिल को कम करने और बिजली का ज्यादा स्मार्ट इस्तेमाल कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बड़े स्तर पर उपयोग करने की तैयारी कर रही है। बिजली मंत्रालय का कहना है कि आने वाले समय में पूरे देश में बिजली की चोरी पकड़ने से लेकर तकनीकी खामियां पहचानने तक, हर काम AI के ज़रिए और भी तेज़ी से होगा। इससे आम लोगों का बिल कम होगा और बिजली की बर्बादी भी रुकेगी।
AI क्यों जरूरी है?
आज देश में लाखों घरों और इलाकों में तारों की खराबी, अर्थ लीकेज या ओवरलोडिंग की वजह से काफी बिजली बर्बाद होती है। बिजली मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी शशांक मिश्रा के मुताबिक, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां इस नुकसान का बोझ अक्सर ग्राहकों के बिल पर डाल देती हैं। AI के आने से इन छिपी हुई गड़बड़ियों का पता रोज़-रोज़ चल सकेगा, जिससे तकनीकी नुकसान काफी कम होंगे।
AI कैसे कम करेगा आपका बिजली बिल?
AI अब रियल टाइम में हर घर और इलाके के बिजली उपयोग को स्कैन करेगा। जहां भी बिजली का इस्तेमाल असामान्य दिखेगा, AI तुरंत उसे पकड़ लेगा। अगर कहीं लीकेज हो रही है तो AI तुरंत पहचान कर अलर्ट देगा। किसी इलाके में चोरी का पैटर्न दिखेगा तो वह भी आसानी से सामने आ जाएगा। यहां तक कि कोई तार, मशीन या ट्रांसफॉर्मर खराब होने वाला होगा तो AI पहले ही बता देगा, जिससे समय पर मरम्मत हो सकेगी। इन सभी कदमों से बिजली कंपनियों का तकनीकी नुकसान काफी कम होगा, और जब नुकसान घटेगा तो उसका सीधा फायदा ग्राहकों को कम बिजली बिल के रूप में मिलेगा। अभी जो घाटा कंपनियां बिल में जोड़ती हैं, AI आने के बाद वह धीरे-धीरे खत्म हो सकता है।
बड़े लैंग्वेज मॉडल भी आएंगे काम
सरकार तकनीकी विश्लेषण और प्रशासनिक कामों में भी AI के इस्तेमाल की तैयारी कर रही है। चैटजीपीटी जैसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) कागजी प्रक्रियाओं को तेज़ करेंगे। AI और बड़े लैंग्वेज मॉडल आने के बाद बिजली विभाग का काम पहले से कहीं ज्यादा तेज़ हो जाएगा। फाइलें जल्दी पास होंगी, शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी और पूरे ग्रिड की 24×7 मॉनिटरिंग भी बेहद आसान बन जाएगी। शशांक मिश्रा के मुताबिक, इन उन्नत तकनीकों की वजह से पूरा बिजली तंत्र ज्यादा सटीक, तेज और कुशलता से काम करेगा, जिससे आम लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
भारत बिजली सप्लाई में दुनिया को छोड़ेगा पीछे
ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास आज जरूरत से ज्यादा बिजली बनाने की क्षमता मौजूद है। डाटा सेंटरों के बढ़ने से आने वाले वर्षों में बिजली की मांग तेजी से बढ़ने वाली है। विशेषज्ञों के मुताबिक – अगर सही नीतियां बनाई जाएं और AI तथा स्मार्ट ग्रिड तकनीक का उपयोग बड़े स्तर पर बढ़ाया जाए, तो भारत आने वाले समय में दुनिया का प्रमुख बिजली सप्लायर बन सकता है। उनकी राय में बिजली को एक व्यापारिक संसाधन की तरह इस्तेमाल कर देश न सिर्फ घरेलू जरूरतें आसानी से पूरी कर पाएगा, बल्कि विदेशी बाजारों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नया बिजली संशोधन बिल और क्या बदलेगा?
अक्टूबर में सरकार ने बिजली (संशोधन) बिल 2025 का ड्राफ्ट जारी किया था। यह बिल देश की बिजली व्यवस्था में बड़े बदलाव लाने वाला माना जा रहा है। इसमें तीन अहम लक्ष्य बताए गए हैं –
- बिजली की असली लागत सामने लाना
- छुपी हुई सब्सिडी खत्म करना
- उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना
लेकिन इसके साथ ही सरकार ने यह भी साफ कहा है कि किसानों और गरीब परिवारों की सब्सिडी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। यानी आम उपभोक्ताओं पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
स्मार्ट बिजली की ओर देश का पहला बड़ा कदम
AI के आने से बिजली कंपनियां अपने सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित, सटीक और तेज़ बना पाएंगी। चोरी कम होगी, नुकसान कम होगा और इसका सीधा फायदा लोगों को कम बिल के रूप में मिलेगा। सरकार का मानना है कि आयी हुई टेक्नोलॉजी बिजली बिल घटाएगी साथ में आने वाले समय में भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक लीडर भी बना सकती है।