बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। 21 जून को किए गए इस ऐलान के मुताबिक, अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत इन लाभार्थियों को हर महीने 400 रुपए की जगह 1100 रुपए पेंशन मिलेगी। इसका सीधा लाभ प्रदेश के करोड़ों जरूरतमंद लोगों को मिलेगा।
आज से बढ़ी हुई पेंशन की राशि लाभार्थियों के खाते में पहुंचनी शुरू हो चुकी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब महंगाई लगातार बढ़ रही है और जीवन यापन कठिन होता जा रहा है। इस फैसले से कमजोर तबकों को आर्थिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।
अटल पेंशन योजना: बुढ़ापे का सहारा
इसी तरह केंद्र सरकार भी लोगों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देने के लिए अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana – APY) चला रही है। यह योजना 18 से 40 साल की उम्र के उन सभी भारतीयों के लिए है जो आयकरदाता (Taxpayer) नहीं हैं।
इस योजना के तहत, यदि आप अभी निवेश करते हैं, तो 60 साल की उम्र के बाद आपको हर महीने 1000 से 5000 रुपए तक की पेंशन मिलती है। यह पेंशन इस बात पर निर्भर करती है कि आपने कितनी उम्र में योजना शुरू की और हर महीने कितनी रकम निवेश की है।
अंशदान के विकल्प
इस योजना की एक खास बात यह है कि इसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर अंशदान कर सकते हैं। यानी अगर आप हर महीने पैसे नहीं जमा कर सकते तो हर तीन या छह महीने पर भी जमा कर सकते हैं।
अंशदान की रकम आपके बैंक खाते से अपने-आप कटती है, इसलिए इसका लाभ उठाने के लिए आपका एक एक्टिव बैंक अकाउंट होना जरूरी है। यदि आपके पास खाता है तो आप उसे अटल पेंशन योजना से लिंक करवा सकते हैं।
60 साल तक देना होगा अंशदान
एक बार अगर आपने अटल पेंशन योजना से जुड़ने का फैसला कर लिया, तो फिर आपको 60 साल की उम्र तक नियमित अंशदान करना होगा। इसके बाद, सरकार की ओर से हर महीने तयशुदा पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है जो जीवनभर जारी रहती है।
18 से 40 साल की उम्र के लिए अंशदान का हिसाब-किताब
अब जानिए कि किस उम्र पर योजना से जुड़ने पर आपको कितनी रकम जमा करनी होगी अगर आप 60 साल के बाद हर महीने 5000 रुपए की पेंशन पाना चाहते हैं:
18 साल की उम्र में जुड़ने पर आपको हर महीने सिर्फ ₹210, तिमाही में ₹626 और छमाही में ₹1239 देने होंगे।
25 साल की उम्र में, यह रकम बढ़कर ₹376 मासिक, ₹1121 तिमाही और ₹2219 छमाही हो जाएगी।
30 साल की उम्र में, मासिक अंशदान ₹577, तिमाही ₹1720 और छमाही ₹3405 करना होगा।
35 साल की उम्र में, अंशदान बढ़कर ₹902 मासिक, ₹2688 तिमाही और ₹5323 छमाही हो जाता है।
40 साल की उम्र में, जो अधिकतम उम्र सीमा है, मासिक ₹1318, तिमाही ₹3928 और छमाही ₹7778 तक देना होगा।
इस तरह उम्र जितनी अधिक होगी पेंशन पाने के लिए उतना ही अधिक अंशदान देना पड़ेगा।
कैसे करें योजना में शामिल?
अटल पेंशन योजना से जुड़ना बेहद आसान है। किसी भी बैंक शाखा या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है। साथ में आपको अपना आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और सक्रिय बैंक खाता देना होगा। आप चाहें तो नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप के जरिए भी इस योजना में पंजीकरण कर सकते हैं। एक बार पंजीकरण के बाद अंशदान स्वतः खाते से कटेगा और पेंशन की पात्रता बन जाएगी।
क्यों जरूरी है ये योजनाएं?
भारत में बड़ी आबादी असंगठित क्षेत्र में काम करती है, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद कोई निश्चित आय नहीं मिलती। ऐसे में अटल पेंशन योजना और राज्य सरकारों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं के लिए एक मजबूत सहारा बनकर उभरती हैं। सरकार के इन प्रयासों से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वर्षों में वृद्धजनों को आर्थिक संबल मिलेगा और उन्हें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
छोटा निवेश, बड़ी राहत
अटल पेंशन योजना हो या बिहार सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दोनों ही योजनाएं गरीब, वंचित और असहाय वर्ग के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि आप अभी युवा हैं, तो आज ही अटल पेंशन योजना से जुड़िए और अपने बुढ़ापे को सुरक्षित कीजिए। वहीं जो बुजुर्ग, विधवा या दिव्यांगजन पहले से राज्य की योजना का लाभ ले रहे हैं, उनके लिए यह राहत की बात है कि अब उन्हें पहले से कहीं अधिक पेंशन मिलेगी।