गोरखपुर से आजमगढ़ को जोड़ने वाले 91.35 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जून को इस लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करके प्रदेश को समर्पित किया। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अब केवल एक सड़क परियोजना नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला माध्यम बन चुका है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुल 1148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया। जिसमें चार जिलों गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ से 172 गांवों के 22 हजार 209 किसानों ने अपनी जमीन दी। इसके बदले में उन्हें 2030.29 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। वहीं इस परियोजना पर कुल 7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है।
यह मुआवजा सीधे किसानों के खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजा गया जिससे बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं रही और किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो सके। योगी सरकार की यह पहल न केवल पारदर्शिता का उदाहरण बनी बल्कि इससे गांवों में आय के नए साधन भी पैदा हुए। इस योजना के प्रथम चरण के दौरान साल 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 500 किसानों को सम्मानित भी किया था। साथ ही किसानों के योगदान की सराहना की थी जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सरकार किसानों को केवल भूमि दाता नहीं बल्कि विकास का भागीदार मानती है।
भूमि अधिग्रहण का आर्थिक असर
- स्थानीय आर्थिक विकास – करीब 2000 करोड़ से अधिक की राशि सीधे किसानों तक पहुंचने से गांवों में आर्थिक गतिविधियां तेज हुईं। कई किसानों ने इस पैसे का उपयोग खेती में सुधार, व्यवसाय शुरू करने या घर बनाने में किया।
- औद्योगिक निवेश को बढ़ावा – गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गीडा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों तक सीधी पहुंच प्रदान करता है। इससे औद्योगिक इकाइयों की स्थापना आसान होगी और नए निवेश आएंगे। यह रोजगार निर्माण को बढ़ावा देगा।
- लॉजिस्टिक्स हब की संभावना – एक्सप्रेसवे से अब पूर्वांचल का यह हिस्सा मुख्य राष्ट्रीय मार्गों से जुड़ गया है। कृषि उपज और औद्योगिक वस्तुएं अब तेजी से मंडियों और कारखानों तक पहुँचेंगी जिससे लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सेक्टर को नई जान मिलेगी।
- भूमि की कीमतों में इज़ाफ़ा – एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित गांवों की जमीनों की कीमतें बढ़ गई हैं जिससे ग्रामीणों की परिसंपत्तियाँ (assets) मजबूत हुई हैं।
- पर्यटन और कनेक्टिविटी – गोरखपुर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। एक्सप्रेसवे से यहां तक पहुंचना आसान होगा जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से इससे लगे क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसान कल्याण और औद्योगिक प्रगति होने की संभावना भी बढ़ गई है। किसानों का सहयोग और सरकार की पारदर्शिता ने यह सुनिश्चित किया कि विकास केवल शहरों तक सीमित न रह जाए बल्कि गांवों तक भी उसकी रोशनी पहुंचे। ऐसी कई परियोजनाएं और विकास मॉडल हैं, जो आगे चलकर यूपी की आर्थिक रीढ़ को और भी मजबूत करेगा।