देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक उत्साहजनक संकेत देते हुए चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि GST दरों में कटौती और आयकर में राहत से उपभोग (कंजम्प्शन) बढ़ेगा, जिससे चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP ग्रोथ 6.8 प्रतिशत से भी ज्यादा रहने की संभावना है।
टैक्स राहत से बढ़ेगा उपभोग, अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
नागेश्वरन ने कहा कि हाल में सरकार द्वारा किए गए टैक्स सुधारों ने लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाया है। जब आम नागरिक के हाथ में ज्यादा पैसा होता है, तो उपभोग में वृद्धि होती है यही मांग अर्थव्यवस्था को गति देती है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले महीनों में यह ट्रेंड और मजबूत होगा।
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय निवेश बना मजबूत
मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सीईए ने कहा कि दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है चाहे वह अमेरिका-चीन तनाव हो या यूरोप की धीमी रिकवरी। इसके बावजूद भारत में प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर (Private Capex) मजबूत बना हुआ है। उनका कहना था कि निजी क्षेत्र का निवेश भारत की आर्थिक वृद्धि का अहम इंजन बन रहा है और यही भारत को अन्य अर्थव्यवस्थाओं से अलग पहचान दिला रहा है।
एफडीआई में दो साल की तुलना में अधिक उछाल
नागेश्वरन ने बताया कि इस वर्ष के पहले पांच महीनों में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह उछाल पिछले दो वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जो विदेशी निवेशकों के भारत की विकास कहानी में भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विदेशी पूंजी का यह प्रवाह आने वाले समय में रोजगार और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई दिशा देगा।
प्राइवेट कैपेक्स में वापसी, निवेश की गति बढ़ी
सीईए ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में जहां निजी निवेश में कुछ मंदी देखी गई थी, वहीं वित्त वर्ष 2025 में इसमें स्पष्ट सुधार आया है। उन्होंने कहा कि कंपनियों का विश्वास फिर से लौट रहा है और वे नए प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रही हैं। यह संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से पुनर्जीवित हो रही है।
नियामकीय सुधार और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पर जोर
नागेश्वरन ने कहा कि भारत को मजबूत नियामकीय और कानूनी फ्रेमवर्क की दिशा में लगातार काम करना होगा, ताकि विभिन्न सेक्टरों में समान अवसर और स्थिरता बनी रहे। उन्होंने बताया कि “इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर” जैसी चुनौतियों को ठीक करने की जरूरत है ताकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिले। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि भारत की रणनीति घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने और ग्लोबल सप्लाई चेन से और अधिक जुड़ने पर होनी चाहिए।
अमेरिका-भारत टैरिफ डील पर जल्द फैसला संभव
सीईए ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ डील पर जल्द ही सकारात्मक नतीजे देखने को मिल सकते हैं। यह समझौता दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा और भारत के निर्यातकों के लिए नए अवसर खोलेगा।
मार्केट से कंपनियों ने जुटाए 2 लाख करोड़ रुपए
नागेश्वरन ने बताया कि इस वर्ष कंपनियों ने प्राइमरी मार्केट से करीब 2 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह आंकड़ा निवेशकों के मजबूत भरोसे और पूंजी बाजार की गहराई को दर्शाता है। उनका कहना था कि यह निवेश प्रवृत्ति देश की विकास दर को सहारा देगी और आने वाले वर्षों में रोजगार सृजन में मदद करेगी।
आने वाले महीनों में और तेजी की उम्मीद
सीईए ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। उपभोग बढ़ रहा है, निवेश गति पकड़ रहा है और वैश्विक निवेशक भारत को एक भरोसेमंद बाजार के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि मौजूदा सुधारों की दिशा इसी तरह जारी रही तो चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.8 प्रतिशत से भी ज्यादा की रफ्तार से आगे बढ़ेगी, जो वैश्विक स्तर पर एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी।
भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल एक संतुलित मोड़ पर है, जहां सरकारी राहतों, निवेश के उछाल और मजबूत बाजार भावना ने विकास को नई ऊर्जा दी है। सीईए नागेश्वरन के मुताबिक, भारत मंदी की आशंकाओं से बचा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक धीरे-धीरे उभर रहा है।