AI infrastructure: भारत वर्तमान में एक डिजिटल मार्केट होने के साथ एआई और क्लाउड टेक्नोलॉजी का वैश्विक केंद्र बनकर उभर रहा है। दुनिया की तीन सबसे बड़ी टेक कंपनियों – माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अमेज़ॉन ने पिछले दो महीनों में भारत में 67 अरब डॉलर से ज्यादा के भारी निवेश का ऐलान करके इस दिशा को और स्पष्ट कर दिया है। यह निवेश सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमता, युवा टैलेंट और तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था पर इन कंपनियों के विश्वास की बड़ी मुहर है।
अमेज़ॉन ने किया सबसे बड़ा ऐलान: 2030 तक 35 अरब डॉलर का निवेश
ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़ॉन ने भारत को एआई-आधारित डिजिटलीकरण और निर्यात वृद्धि का प्रमुख केंद्र मानते हुए 2030 तक लगभग 35 अरब डॉलर निवेश करने की योजना बनाई है। इससे देश में लाखों रोजगार सृजित होंगे, निर्यात क्षेत्र की क्षमता बढ़ेगी, एआई और क्लाउड सेवाओं का विस्तार तेज होगा। इस निवेश के बाद 2030 तक भारत में अमेज़ॉन का कुल निवेश 75 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा – जो कंपनी का किसी भी देश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
माइक्रोसॉफ्ट का बड़ा भरोसा: 2029 तक 17.5 अरब डॉलर
अमेज़ॉन के ऐलान से ठीक पहले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भारत में 2026 से 2029 के बीच 17.5 अरब डॉलर निवेश करने का निर्णय घोषित किया। यह निवेश तीन प्रमुख क्षेत्रों में क्लाउड और एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्किल डेवलपमेंट, डेटा सेंटर नेटवर्क होगा। यह राशि माइक्रोसॉफ्ट के पहले से घोषित 3 अरब डॉलर के अतिरिक्त है। कुल मिलाकर कंपनी भारत को भविष्य की एआई ताकत बनाने की तैयारी में है।
गूगल भी पीछे नहीं: विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर का डेटा सेंटर
गूगल ने अक्टूबर में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 1 गीगावॉट क्षमता वाले एआई डेटा सेंटर की घोषणा की थी। कंपनी अगले पाँच वर्षों में यहाँ 15 अरब डॉलर निवेश करेगी। इसके अलावा हाल ही में – हैदराबाद में भारत का पहला गूगल स्टार्टअप हब लॉन्च हुआ। यह दुनिया का सिर्फ पाँचवां ऐसा हब है। गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने भारतीय अधिकारियों से एआई और ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर विस्तारित योजनाओं पर चर्चा की।
सेमीकंडक्टर में भी बढ़ा विदेशी भरोसा
सिर्फ क्लाउड या एआई नहीं, बल्कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी भारत तेजी से आकर्षण का केंद्र बन रहा है। इंटेल के सीईओ लिप-बू टैन ने भारत के दौरे के दौरान सरकार की सेमीकंडक्टर नीति की सराहना की और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत, भारत में बने सेमीकंडक्टर, भारत में ही असेंबली और पैकेजिंग, इंटेल द्वारा डिजाइन किए गए उत्पादों का स्थानीय उत्पादन। ये सब भारत को चिप मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।
भारत पर वैश्विक तकनीकी भरोसा क्यों बढ़ रहा है?
विशेषज्ञों के अनुसार, तीनों दिग्गज कंपनियाँ हर तिमाही दुनिया भर में एआई पर अरबों डॉलर खर्च करती हैं। इसके मुकाबले भारत में निवेश भले छोटा लगे, लेकिन रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। भारत को निवेश का पसंदीदा स्थान बना रहे हैं – विशाल युवा टैलेंट, तेज़ी से बढ़ता डिजिटल मार्केट, मजबूत सरकारी नीतियाँ 5G और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार कर रही हैं। साथ ही स्टार्टअप इकोसिस्टम की जबरदस्त बढ़त भी हो रही।
PM मोदी की प्रतिक्रिया: “दुनिया का रुख भारत की ओर”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बड़े वैश्विक निवेशों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में दुनिया का रुख अब पहले से कहीं ज्यादा भारत की ओर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के युवा एआई जैसी उभरती तकनीक का इस्तेमाल कर भविष्य को नई दिशा देंगे और देश को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की ओर ले जाएंगे। मोदी ने इसे भारत की क्षमता, नवाचार शक्ति और बदलते तकनीकी युग में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रमाण बताया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन निवेशों पर कहा कि एआई के मामले में दुनिया भारत को लेकर पहले से ज्यादा आशावादी है। हमारे युवा इस तकनीक से भविष्य को नई दिशा देंगे।
एआई क्रांति का नया वैश्विक केंद्र भारत
अमेज़ॉन, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के बड़े निवेशों से भारत न केवल एआई और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का हब बन रहा है, बल्कि यह भारत को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था की अगली शक्ति बनाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं बल्कि दुनिया की तकनीकी प्रगति का अगला नेतृत्वकर्ता बन रहा है।