भारत इस समय एक नए औद्योगिक युग की दहलीज पर खड़ा है, जहां परंपरा, तकनीक और नवाचार मिलकर विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं। आज जब दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति यानी “इंडस्ट्री 4.0′ की ओर बढ़ रही है, भारत भी अपनी औद्योगिक क्षमता को न सिर्फ मजबूत कर रहा है बल्कि उसे वैश्विक पहचान दिलाने की राह पर है। यही कारण है कि यह अंक भारत की बदलती औद्योगिक तस्वीर को समर्पित है जहां हर सेक्टर अपने क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। एक ओर भारत का फूड सेक्टर 10 बिलियन डॉलर की प्रोबायोटिक क्रांति के साथ नई सेहतमंद दिशा में बढ़ रहा है, वहीं चॉकलेट इंडस्ट्री 2030 तक अरबों डॉलर के ग्लोबल बाजार की ओर देख रही है। फेस्टिव सीजन में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग ने भविष्य की रफ्तार तय कर दी है। रूसी कंपनियों का एयरोस्पेस निवेश भारत की डिफेंस स्ट्रेंथ को नई ऊंचाई देगा, तो लखनऊ से शुरू होने वाला ‘ब्रह्मोस शक्ति’ केंद्र हमारी रणनीतिक ताकत को और मजबूत करेगा।
इसी तरह, ग्रामीण भारत में भी बदलाव की हवा बह रही है। जहां दो दोस्तों ने 2000 रुपये की मशीन से 1.5 करोड़ का कारोबार खड़ा किया, वहीं महिलाओं ने 91 लाख की लागत से फैक्ट्री बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। ग्रीन बिजनेस मॉडल्स और सस्टेनेबल स्टार्टअप्स यह साबित कर रहे हैं कि पर्यावरण और अर्थव्यवस्था एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। आज “मेड इन इंडिया” केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक नई उड़ान है। चाहे वस्त्र उद्योग की रणनीतियां हों या रियल एस्टेट में रिकॉर्ड निवेश – भारत हर दिशा में अवसरों की भूमि बन चुका है। इस परिवर्तन के केंद्र में हैं भारत के नवोन्मेषी उद्यमी, महिलाएं और युवा जो न सिर्फ सपने देख रहे हैं, बल्कि उन्हें साकार भी कर रहे हैं। अगर आप उद्योग जगत से जुड़ी कोई प्रतिक्रिया देना चाहते हैं, तो हमें Whatsapp करें 9116200951 या ईमेल भेजें: industrialempireworld@gmail.com आपकी प्रतिक्रियाएं हमारे लिए अत्यंत मूल्यवान है साथ ही हमें आगामी अंक को और बेहतर बनाने में सहायता करेंगी।
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