दुनिया भर में कैंसर से लड़ाई के नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं और अब रूस से आई एक बड़ी खबर ने उम्मीद की नई किरण जगाई है। रूस की Federal Medical and Biological Agency (FMBA) ने कोलोरेक्टल कैंसर यानी कोलन कैंसर के लिए एक नई वैक्सीन तैयार की है, जिसने सभी प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स पास कर लिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैक्सीन शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ाएगी। तो आइए जानते हैं कि यह टीका कोलन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को पूरी तरह खत्म कर पाएगा या नहीं।
FMBA की वैक्सीन: कैंसर पर नई उम्मीद
FMBA की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने बताया कि इस वैक्सीन पर कई सालों तक रिसर्च की गई, जिसमें से पिछले तीन साल केवल अनिवार्य प्रीक्लिनिकल स्टडीज के लिए समर्पित रहे। यह वैक्सीन mRNA तकनीक पर आधारित है, जो शरीर की इम्यून कोशिकाओं को सक्रिय करके कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती है।
हालांकि वैक्सीन ने अभी तक केवल प्रीक्लिनिकल स्टेज को ही पास किया है, लेकिन इसे जल्द ही क्लिनिकल ट्रायल्स में टेस्ट किया जाएगा। इसके लिए सभी दस्तावेज़ रूस के Ministry of Health को भेज दिए गए हैं। अगर सब कुछ सही रहा, तो 2025 से 2026 के बीच इस वैक्सीन का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो सकता है।
कोलन कैंसर पर पहली बार सीधा फोकस
कैंसर वैक्सीन पर दुनिया भर में काम चल रहा है, लेकिन खासतौर पर कोलोरेक्टल कैंसर के लिए यह वैक्सीन एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। 28 दिसंबर 2024 को रूस की TASS एजेंसी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह वैक्सीन प्रयोगशाला में बने विशेष तत्वों का इस्तेमाल करती है, जो शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने के लिए मजबूत बनाते हैं।
कैंसर के खिलाफ टीके दो तरह से काम करते हैं:
रोकथाम के लिए (Preventive Vaccines)
इलाज के लिए (Therapeutic Vaccines)
FMBA की यह वैक्सीन इलाज के लिए तैयार की गई है, जो पहले से मौजूद कैंसर की वृद्धि को रोकने में मदद करेगी।
60-80% तक सफल रहे ट्रायल्स
FMBA द्वारा किए गए प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स में यह वैक्सीन बेहद प्रभावी साबित हुई है। शुरुआती नतीजों में पाया गया कि जिन मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया, उनमें ट्यूमर की बढ़ने की गति में 60 फीसदी से 80 फीसदी तक की कमी देखी गई। इससे उम्मीद है कि यह वैक्सीन शुरुआती स्टेज के कोलन कैंसर मरीजों के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट साबित हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े पैमाने पर क्लिनिकल ट्रायल्स के बाद ही इसकी वास्तविक प्रभावशीलता साबित होगी।
कोलन कैंसर क्या है?
कोलन कैंसर बड़ी आंत यानी लार्ज इंटेस्टाइन के निचले हिस्से में होने वाला कैंसर है। यह कैंसर अक्सर कोलन या रेक्टम में शुरू होता है। शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं या फिर पता ही नहीं चलते।
संभावित लक्षण
– मल त्याग की आदतों में बदलाव
– मल के साथ खून आना
– पेट में लगातार तकलीफ
– मल का असामान्य होना
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्क्रीनिंग से ही इस बीमारी का जल्दी पता लगाया जा सकता है और सही समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है।
क्या वैक्सीन कैंसर को खत्म कर पाएगी?
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ. अनुराग कुमार का कहना है “अभी इस वैक्सीन के बारे में कुछ भी अंतिम रूप से कहना जल्दबाजी होगी। जब तक बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल नहीं होता, तब तक इसकी पूर्ण सफलता पर फैसला नहीं लिया जा सकता।” इसका मतलब है कि यह वैक्सीन उम्मीद की नई किरण जरूर है, लेकिन कैंसर को पूरी तरह खत्म करने का दावा करने के लिए हमें अभी और समय लगेगा।
भविष्य की संभावनाएं
क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे इस वैक्सीन का भविष्य तय करेंगे। अगर वैक्सीन सफल रहती है, तो कोलन कैंसर के इलाज में यह गेम चेंजर साबित हो सकती है। रूस के अलावा, अमेरिका, यूरोप और भारत भी इसके डेटा का उपयोग अपनी रिसर्च में कर सकते हैं।