सरकार ने देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों किसानों और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए ब्याज सहायता योजना को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है। यह निर्णय आर्थिक गतिविधियों को गति देने और वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ब्याज सहायता योजना का उद्देश्य छोटे कर्जदारों को उनके कर्ज पर ब्याज में छूट देना है। इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को उनके कर्ज की ब्याज दर पर एक निश्चित प्रतिशत की छूट दी जाती है। इससे उनके कुल भुगतान में कमी आती है और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिलती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
सरकार का कहना है कि इस योजना के विस्तार से रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही युवाओं और महिलाओं के स्टार्टअप को भी सहायता मिलेगी जिससे वे कम लागत पर लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू या बढ़ा सकें। MISS यानि कि मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम जैसी योजनाओं के साथ मिलकर काम करती है जिससे छोटे उद्योगों को अधिक लाभ मिलता है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार योजना को 2025-26 तक बढ़ाने से लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा। बैंक और वित्तीय संस्थाएं भी इस योजना के जरिए ज्यादा कर्ज देने को प्रेरित होंगी क्योंकि सरकार उनके ब्याज का हिस्सा वहन करेगी। इससे कर्ज वसूली की प्रक्रिया भी बेहतर होगी और आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस योजना के तहत डिजिटल लोन प्रोसेसिंग और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लाभार्थियों को समय पर और बिना किसी झंझट के लाभ मिल सके। ब्याज सहायता योजना को 2025-26 तक बढ़ाना सरकार का एक सराहनीय कदम है जो देश की आर्थिक मजबूती, रोजगार विस्तार और उद्यमिता को नई दिशा देगा। इससे न केवल छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की आर्थिक संरचना भी मजबूत होगी।