लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस बार का सत्र बेहद खास रहा। प्रदेश के विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर लगातार 24 घंटे तक चली चर्चा ने न सिर्फ सरकार के विकास एजेंडे को उजागर किया बल्कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जमकर देखने को मिले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में आर्थिक उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का ब्योरा दिया तो विपक्ष ने सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
योगी का विजन: सैटेलाइट से जीरो पावर्टी तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसरो से बातचीत चल रही है और जल्द ही यूपी का अपना सैटेलाइट लॉन्च किया जाएगा। प्रदेश में अगले पांच सालों में हर नागरिक को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
योगी ने कहा कि पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के शहर विकसित किए जाएंगे, जिससे यूपी को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनाने का सपना साकार हो सके। उन्होंने लक्ष्य रखा कि 2030 तक प्रदेश में जीरो पावर्टी यानी शून्य गरीबी हासिल की जाएगी। इसके साथ ही हर जिले में रोजगार जोन बनाए जाएंगे और आधी आबादी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।
आर्थिक प्रगति के आंकड़े
सीएम योगी ने विधानसभा में यूपी की आर्थिक प्रगति के आंकड़े रखे। उन्होंने बताया कि 2016-17 में राज्य की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय जीडीपी में योगदान
प्रति व्यक्ति आय: 43,000 रुपये से बढ़कर 1,20,000 रुपये
निर्यात: 84,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,86,000 करोड़ रुपये
राज्य बजट: 3 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये
योगी ने दावा किया कि यूपी अब “बीमारू राज्य” की छवि से निकलकर रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर बढ़ रहा है।
डिजिटल और वित्तीय सुधार
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग के फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में यूपी को 8.9 अंकों का सुधार मिला है। वहीं, डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 122 करोड़ से बढ़कर 1400 करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले सरकारी योजनाओं में भेदभाव होता था, लेकिन अब बिना तुष्टिकरण के विकास हो रहा है।
विपक्ष का हमला: वादे और हकीकत
चर्चा में विपक्ष ने सरकार पर कड़े सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट से पहले सरकार को यह भी देखना चाहिए कि पहले किए गए वादे कितने पूरे हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में करीब 10 हजार स्कूल पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यूपी में बौद्ध स्थलों का विकास होना चाहिए, तभी विदेशी मुद्रा यानी डॉलर आएगा। उनका तर्क था कि मथुरा या अन्य धार्मिक स्थलों के बजाय बौद्ध पर्यटन से विदेशी आय बढ़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने आउटसोर्सिंग के ज़रिए होने वाली भर्तियों पर भी सवाल खड़े किए।
अखिलेश यादव का तंज
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा में चली 24 घंटे की चर्चा को “अमानवीय” करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी दिल्ली की नकल करने में व्यस्त रहते हैं और यूपी की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि चुनावों में “फर्जी वोट” बढ़वाना उनका काम करने का तरीका है।
विजन और राजनीति की जंग
इस बहस से साफ है कि विजन डॉक्यूमेंट 2047 केवल एक विकास योजना नहीं, बल्कि राजनीतिक जंग का मैदान भी है। योगी आदित्यनाथ ने जहां यूपी को सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने का खाका खींचा, वहीं विपक्ष ने इसे अधूरा और अव्यावहारिक बताया।
सरकार का दावा है कि आने वाले सालों में यूपी हर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ेगा, जबकि विपक्ष मानता है कि पहले के अधूरे वादों की समीक्षा ज़रूरी है। उत्तर प्रदेश का विजन 2047 एक बड़ा रोडमैप है, जिसमें आर्थिक प्रगति, रोजगार, बिजली, स्वास्थ्य, और पर्यटन जैसे अहम पहलुओं को शामिल किया गया है। लेकिन इस योजना की सफलता राजनीतिक टकराव से आगे निकलकर ज़मीनी हकीकत पर निर्भर करेगी।