आज के डिजिटल युग में यूपीआई हर किसी की जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुका है। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यापारियों तक हर कोई यूपीआई के जरिए लेन-देन कर रहा है। लेकिन अब यूपीआई यूजर्स के लिए एक नई खबर सामने आई है जो उनकी जेब पर सीधा असर डाल सकती है।

क्या है नया नियम?
अब तक हम जब चाहे तब अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस UPI ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm या BHIM से मुफ्त में चेक कर सकते थे। लेकिन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अब एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अगर आप दिन भर में कई बार बैलेंस चेक करते हैं तो आपको हर बार के लिए चार्ज देना पड़ सकता है।
क्यों लगाया गया ये चार्ज?
NPCI का कहना है कि बैलेंस इन्क्वायरी और मिनी स्टेटमेंट जैसी सेवाओं का अधिक बार उपयोग करने से बैंकिंग सिस्टम पर दबाव बढ़ता है। इस वजह से इन सेवाओं पर छोटे शुल्क लगाने की बात सामने आई है ताकि यूजर्स सोच-समझकर इनका इस्तेमाल करें।
कितना लगेगा चार्ज?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ बैंकों ने प्रति बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट के लिए ₹0.50 से ₹1 तक का शुल्क तय किया है। हालांकि ये चार्जेस अलग-अलग बैंकों में भिन्न हो सकते हैं और यह भी देखा गया है कि कुछ बैंकों में महीने में 5 बार बैलेंस चेक फ्री होता है उसके बाद चार्ज लिया जाता है।
यूजर्स को क्या करना चाहिए?
अगर आप भी दिन में कई बार अपने अकाउंट का बैलेंस चेक करते हैं तो अब सतर्क हो जाइए। कोशिश करें कि जरूरी होने पर ही बैलेंस चेक करें और एक दिन में बार-बार ऐसा न करें। आप अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से यह जानकारी ले सकते हैं कि आपके खाते पर यह नियम लागू है या नहीं।
यूपीआई ने लेन-देन को जितना आसान बनाया है अब उतनी ही समझदारी से उसका उपयोग करने की जरूरत है। बिना जरूरत के बैलेंस चेक करने से अब जेब पर भार पड़ सकता है। इसलिए सावधानी से यूपीआई का इस्तेमाल करें और अनावश्यक शुल्क से बचें।