नई दिल्ली। भारतीय आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड ने इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास (ईआरऐंडडी) सेवाओं के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा अधिग्रहण सौदा किया है। कंपनी ने सैमसंग की सहायक कंपनी हर्मन इंटरनेशनल इंडस्ट्रीज के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सॉल्यूशन (डीटीएस) कारोबार को 37.5 करोड़ डॉलर (लगभग 3125 करोड़ रुपये) में खरीदने की घोषणा की है।
यह सौदा इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, इसके लिए अमेरिकी प्रतिस्पर्धा नियामक की मंजूरी अनिवार्य होगी। सौदा पूरा होने के बाद अमेरिका, यूरोप और एशिया के विभिन्न हिस्सों में मौजूद डीटीएस के 5,600 से अधिक कर्मचारी विप्रो परिवार का हिस्सा बन जाएंगे।
विप्रो के लिए सौदे का महत्व
यह अधिग्रहण विप्रो को डोमेन-आधारित डिजाइन, कनेक्टेड प्रोडक्ट्स और सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म जैसे क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा। कंपनी का मानना है कि डीटीएस की गहरी इंजीनियरिंग विशेषज्ञता, एआई-सक्षम प्लेटफॉर्म्स, और डोमेन आधारित समाधान उसे उच्च मार्जिन वाले कारोबार में विस्तार का मौका देंगे। इसके साथ ही, विप्रो को स्वायत्त एजेंट फ्रेमवर्क और बौद्धिक संपदा विकास में भी मजबूती मिलेगी।
विप्रो प्रबंधन की प्रतिक्रिया
विप्रो के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक श्रीनि पालिया ने कहा : “डीटीएस की विशेषीकृत इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और विप्रो की परामर्श-केंद्रित एआई क्षमताओं का संयोजन हमारे ग्राहकों के लिए नए मूल्य का सृजन करेगा। यह सौदा न केवल हमारी तकनीकी ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि हमारी वैश्विक उपस्थिति को और अधिक मजबूत बनाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि यह साझेदारी कंपनी को विश्वसनीय और परिवर्तनकारी डिजिटल पार्टनर के रूप में स्थापित करेगी।
हर्मन और डीटीएस का परिचय
हर्मन इंटरनेशनल इंडस्ट्रीज अमेरिका की एक अग्रणी ऑडियो प्रोडक्ट निर्माता कंपनी है, जिसे दक्षिण कोरियाई समूह सैमसंग ने वर्ष 2018 में अधिग्रहित किया था। हर्मन का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सॉल्यूशन (डीटीएस) कारोबार औद्योगिक, उपभोक्ता, स्वास्थ्य सेवा, जीवन विज्ञान और आधुनिक तकनीक जैसे क्षेत्रों में ईआरएंडडी और आईटी सेवाओं का वैश्विक प्रदाता है। डीटीएस की मौजूदगी भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, पोलैंड और जर्मनी सहित 14 देशों में है।
भारतीय आईटी उद्योग में ईआरएंडडी की बढ़ती भूमिका
नैसकॉम (NASSCOM) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय आईटी उद्योग में ईआरएंडडी सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक यह क्षेत्र 55 अरब डॉलर के राजस्व तक पहुंचेगा। इस दौरान यह क्षेत्र 7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा। वहीं, पारंपरिक आईटी सेवाओं की वृद्धि दर केवल 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके अलावा, BFSI (बैंकिंग-फाइनेंस), हेल्थकेयर और रिटेल जैसे क्षेत्रों में हुए बड़े सौदों में दो-तिहाई हिस्सेदारी डिजिटल इंजीनियरिंग की रही है।
क्यों खास है यह अधिग्रहण?
- वैश्विक पैठ – डीटीएस की अमेरिका, यूरोप और एशिया में मजबूत मौजूदगी से विप्रो को नए क्लाइंट और बाजार मिलेंगे।
- डिजिटल इंजीनियरिंग – कनेक्टेड प्रोडक्ट्स और स्मार्ट सॉल्यूशंस में विस्तार।
- एआई और ऑटोमेशन – स्वायत्त एजेंट फ्रेमवर्क और एआई-सक्षम प्लेटफॉर्म्स से तकनीकी बढ़त।
- कर्मचारियों का जुड़ाव – 5,600 पेशेवर विप्रो के साथ जुड़कर उसकी वैश्विक क्षमता को बढ़ाएंगे।
- राजस्व वृद्धि – उच्च मार्जिन वाले कारोबार में विस्तार से दीर्घकालीन वित्तीय मजबूती।
विप्रो का यह अधिग्रहण सौदा न केवल कंपनी की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय आईटी उद्योग को भी एक नई दिशा देगा। डिजिटल इंजीनियरिंग, एआई और कनेक्टेड प्रोडक्ट्स आने वाले समय में वैश्विक बाजार की सबसे बड़ी जरूरत होंगी, और विप्रो इस सौदे के जरिए खुद को इस दौड़ में अग्रणी बनाने की तैयारी कर रहा है।